कोलकाता
भूटान भारत के विरुद्ध लड़ऩे वाले किसी भी आतंककारी संगठन को सहयोग नहीं करेगा। भूटान के किसी हिस्से में शरण लेकर आतंकी गतिविधियां चलाने की सूचना मिलने पर रॉयल भूटान आर्मी उन्हें कड़ाई के साथ खदेड़ देगी। भूटान के पूर्व राजा जिग्मे सिग्मे वांगचुक और विदेश मंत्री दामचो दोरजी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक में यह भरोसा दिलाया। बैठक भूटान के संसद भवन में हुई। मुख्यमंत्री बनर्जी ने सोशल नेटवर्क फेसबुक और ट्वीटर के माध्यम से यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत-भूटान के सीमाई इलाके की कई समस्याओं को लेकर चर्चा हुई। बैठक में आतंकी संगठन एनडीएफबी और केएलओ के दक्षिण भूटान के जंगलों में पनाह लेने और आतंकी गतिविधियां जारी रखने के मुद्दे भी उठे। भूटान की ओर से कहा गया कि 40 से 50 आतंकी दल का नेतृत्व एनडीएफबी सेना प्रमुख बी.बी. राई और केएलओ सश शाखा के प्रमुख कैलाश कोच कर रहे हैं। भूटान के मानस जंगल में इनकी सक्रियता कम करने के लिए भारतीय जवानों ने भूटान के सहयोग से दूसरा ऑपरेशन ऑल क्लीयर शुरू किया है।
खुफिया एजेंसियों के हवाले से कहा गया है कि ऑपरेशन ऑल क्लीयर से बचने के लिए आतंकी भूटान की सीमा लांघ कर अलीपुरदुआर के कुमारग्राम और शामुकतला इलाके को ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री बनर्जी ने भूटान सरकार से मदद मांगी है। इसी तरह भूटान ने भी एनडीएफबी के आतंकियों को पश्चिम बंगाल में पनाह नहीं देने का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया है।
इस दिन मुख्यमंत्री बनर्जी का कोई निर्धारित कार्यक्रम नहीं था। उन्होंने भूटान के सरकारी व गैर सरकारी संगठनों तथा भूटान के लोक कलाकारों के साथ भी मुलाकात की।