54 वर्षीय विद्या भंडारी ने अपने निकटतम प्रतिद्नंदी नेपाल कांग्रेस नेता केबी गुरुंग को सौ से भी ज़्यादा मतों से शिकस्त दी। भंडारी को 327 वोट मिले जबकि गुरुंग को 214 वोटों पर ही संतोष करना पड़ा।
दरअसल, नेपाल में बीते महीने नया संविधान अमल में लाया गया था। 2008 में नेपाल के गणतांत्रिक बनने के बाद ये दूसरा मौका है जब राष्ट्रपति का निर्वाचन हुआ है। 2008 में पहली संविधान सभा के चुनाव के बाद राम बरन यादव नेपाल के राष्ट्रपति चुने गए थे।
गौरतलब है कि नेपाल के नए संविधान के प्रावधानों के मुताबिक ही नए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव किया जाना था। इसके लिए कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) की उपाध्यक्ष विद्या भंडारी सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर राष्ट्रपति पद के लिए मैदान में उतारी गई थी।
यूनीफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट) के चेयरमैन पुष्प कमल दहल ने भंडारी के नाम का प्रस्ताव किया था। इस प्रस्ताव का अनुमोदन करने वाले नौ लोगों में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी-नेपाल के चेयरमैन कमल थापा और मधेसी जनाधिकार फोरम- लोकतांत्रिक के चेयरमैन बिजय कुमार गाच्छादर शामिल थे।
यूसीपीएन (माओइस्ट) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए नंद किशोर पुन की दावेदारी पेश की है। पुन किसी वक्त पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के चीफ कमांडर रह चुके हैं।
जहां तक विपक्ष का सवाल है तो नेपाली कांग्रेस ने राष्ट्रपति पद के लिए कुल बहादुर गुरंग और उपराष्ट्रपति पद के लिए अमिया कुमार यादव को उम्मीदवार बनाया है।
वहीं नेपाल वर्कर्स पार्टी ने नारायण महाजन को राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है।