पंचायत का फरमान : Toilet के लिए गड्ढा खोदो तब मिलेगा राशन
ग्राम भुवनेश्वरपुर में जारी किए गए फरमान से परेशान हैं हितग्राही, फरमान का पालन कराने वाले राशन दुकान पर गिरी बर्खास्तगी की गाज
रामानुजनगर. ग्राम पंचायतों में शत-प्रतिशत घरों में शौचालय बनवाने नए-नए तरीके अपनाए जाने लगे हैं। रामानुजनगर जनपद क्षेत्र के भुवनेश्वरपुर ग्राम पंचायत ने शौचालय नहीं तो खाद्यान्न नहीं का फरमान जारी कर हितग्राहियों पर शौचालय निर्माण का दबाव बनाने से ग्रामीण परेशान हंै। इधर पंचायत की बात मान उचित मूल्य दुकान से हितग्राहियों को राशन न देना संचालक को महंगा पड़ गया। अधिकारियों ने राशन दुकान को निरस्त कर दिया है।
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने सभी जनपद पंचायतों को महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना के तहत प्रत्येक ग्रामों एवं प्रत्येक घरों में शौचालय निर्माण करा कर पचंायत स्तर पर ओडीएफ का लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वैसे तो 2 अक्टूबर की समय सीमा तय की गई थी, लेकिन क्षेत्र में जारी अनवरत बारिश के कारण एक माह की अवधि बढ़ा दी गई है।
ओडीएफ का लक्ष्य प्राप्त करने कई पंचायतों में दबाव बनाकर शौचालय निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। शासन स्तर पर सभी पंचायतों में प्रति शौचालय 12 हजार की दर से शौचालय निर्माण का कार्य मनरेगा मद से किया जा रहा है।
इसमेंं गड्ढा उत्खनन का कार्य हितग्राही से कराने का प्रावधान पंचायत द्वारा इसलिए किया गया हैै कि गांव में पंजीकृत मजदूर काम करने के लिए तैयार नहीं हैं।
लेकिन गड्ढा उत्खनन में हितग्राहियों द्वारा भी रुचि नहीं लिए जाने और शौचालय निर्माण कार्य के दस्तावेज तैयार कर राशि आहरण तक की जटिल प्रक्रिया होने की वजह से पंचायतों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सभी पंचायतों में शौचालय निर्माण का कार्य एक साथ शुरू होने के कारण राजमिस्त्री की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है।
पंचायत प्रतिनिधियों का है फरमान
रामानुजनगर के ग्राम भुवनेश्वरपुर के पंचायत प्रतिनिधियों ने शौचालय निर्माण कार्य में गति लाने और प्रत्येक घरों में शौचालय बनाकर ओडीएफ करने अनूठा तरीेेका अपनाया है। पचंायत के एकजुट प्रतिनिधियों ने ग्राम स्तर पर यह फरमान जारी किया है कि उन हितग्राहियों को तब तक खाद्यान्न नहीं दिया जायेगा जब तक कि वे पंच या सरपंच से शौचालय बन जाने का प्रमाण पत्र नहीं लाएंगे या फिर शौचालय के लिए गड्ढा खोदकर आओ और राशन ले जाओ।
पंचायत की इस पहल से ग्रामीणों ने शौचालय के प्रति रूचि दिखाते हुए गड्ढे खोदने शुरू कर दिए हंै। पचंायत प्रतिनिधि व स्वसहायता समुह के सदस्यों ने बताया कि यह फरमान पंचायत ने जरूर जारी किया है लेकिन ओडीएफ के लिए अधिकारी भी इससे सहमत हैं।
सोसायटी पर गिर गई गाज
ग्रामीण जन प्रतिनिधियों के निर्देश पर शौचालय के लिए गड्ढ़ा खोदने के बाद ही खाद्यान्न वितरित करने का फरमान जारी करना उचित मूल्य दुकान संचालक को महंगा पड़ गया। जिला पंचायत सीईओ व एसडीएम द्वारा भुवनेश्वरपुर में संचालित उचित मूल्य दुकान को निरस्त कर दिया गया है।
कुछ ग्रामीणों द्वारा जारी फरमान की शिकायत उच्चाधिकारियों से कर दी थी और लिखित में गड्ढा खोदने के बाद ही राशन दिये जाने की बात देने की जिद की जा रही थी। जबकि अधिकारी द्वारा मौखिक निर्देश देकर खाद्यान्न वितरण पर रोक लगाने कहा गया था। समूह प्रमुख फूलमती बाई पर अधिकारियों के निर्देश की अवहेलना करने खाद्यान्न की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है।
जांच उपरांत एसडीएम बीएस पाटले ने भुवनेश्वरपुर में फूलमतिया बाई की महिला स्व सहायता समुह द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान का आबंटन निरस्त करने की अनुशंसा कर आगामी कार्रवाई हेतू कलक्टर के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किया है।