रेलवे प्रशासन से अपने जीवन की गुहार लगा रहे अनलसटोनियों के पेड़
स्टेशन परिसर के सामने ऑटो स्टैंड में लगे पेड़ अपने जीवन बचाने के लिए रेलवे प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं….
सूरजपुर/अंबिकापुर. स्टेशन परिसर के सामने ऑटो स्टैंड में लगे पेड़ अपने जीवन बचाने के लिए रेलवे प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। कई वर्ष पूर्व ऑटो स्टैंड में लगे अनलसटोनियों के पौधे अब पूरी तरह से पेड़ हो चुके हैं।
इन पेड़ों की सुरक्षा के लिए लगी लोहे की जाली अब पेड़ों को ही दबा रही है। इस जाली से 11 में पेड़ों में लगभग चार-चार इंच तक गहरा गड्ढा हो चुका है।
पेड़ों के तनों में यह जाली नीचे से ऊपर तक चूभ चुकी है। इन पेड़ों का समुचित विकास हो सके, इसके लिए जाली का निकाला जाना आवश्यक है।
सफाई के बाद अब रंगाई
स्टेशन परिसर के बाहर पीछे और दोनों ओर चहारदीवारी की रंगाई पुताई हो रही है। परिसर की सुरक्षा में लोहे की बैरिकेडिंग को भी रंग दिया गया है। आरपीएफ बैरक में रंगाई पुताई की जा रही है।
पौधरोपण की है तैयारी
आरपीएफ बैरक परिसर में एक छोटा से बगीचा है। इसमें लगे सभी पौधे दो से तीन साल के अंदर के ही हैं। जब-जब कोई बड़ा अधिकारी अंबिकापुर निरीक्षण में आता है तो एक पौधा यहां लगा देता है।
परिसर में लगे लगभग 13 पौधे प्रत्येक अधिकारी के निरीक्षण की गवाही दे रहा है। सभी के नाम के पट्ट यहां लगे हुए हैं।
मंच के कब आएंगे अच्छे दिन
आरपीएफ बैरक के सामने बना मंच अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस मंच पर दो-दो फीट के झाड़ उग आए हैं। मंच का उपयोग नहीं होने से आसपास गंदगी का साम्राज्य बना हुआ है। यह मंच शायद यही उम्मीद कर रहा है कि उत्तर पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक के आने से मेरे अच्छे दिन आएंगे।
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