सूरत. रिंगरोड स्थित एक सीए और उधना दरवाजा स्थित यार्न कंपनी के ऑफिस में शनिवार को मुंबई सीबीआई की इकॉनोमिक ऑफेन्स विंग के छापे से हड़कंप मच गया। सीबीआई टीम ने यहां से कम्प्यूटर, फर्जी बिल तथा कई दस्तावेज जब्त करने के साथ दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। सीए और यार्न कंपनी के संचालक मिलकर फर्जी कंपनियां बनाकर आर्थिक गड़बड़ी कर रहे थे। सूत्रों के मुताबिक मांडवी के करंज में यार्न कंपनी के मालिक का उधना दरवाजा स्थित यूटीसी बिल्डिंग में ऑफिस है। इससे पहले मजूरा गेट पर उनका ऑफिस था। वहीं रिंगरोड सिविल चार रास्ता के पास सीए फर्म है। शनिवार सुबह इकॉनोमिक ऑफेन्स विंग के अतिरिक्त सुप्रिटेन्डेन्ट ऑफ पुलिस की अगुवाई में टीम ने सीए और यार्न कंपनी के संचालकों के ऑफिस में छापा मारा। बताया जा रहा है कि यार्न कंपनी के लिए काम करने वाले सीए ने कंपनी के संचालकों के साथ मिलकर 12 फर्जी कंपनियां खड़ी की थी और इन कंपनियों में निदेशक अपने रिश्तेदार तथा कर्मचारियों को बना रखा था। सीए यार्न कंपनी के संचालकों को फर्जी कंपनियों के नाम से खरीदी-बिक्री के फर्जी बिल बनाता था। बताया जा रहा है कि यार्न कंपनी के संचालको ने बैंक से 1200 करोड़़ रुपए का लोन ले रखा है, जो चुका नहीं पा रहे हैं। कंपनी की आर्थिक स्थिति मजबूत दिखाने और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए खरीदी-बिक्री के फर्जी बिल बना कर टर्न ओवर का बेहतर आंकड़ा बनाने का खेल किया जा रहा था। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई की टीम देर रात तक जांच में जुटी रही। बताया जा रहा है कि रिंगरोड स्थित सीए के ऑफिस में बैठकर ही फर्जी बिल बनाए जा रहे थे। यहां से दो कम्प्यूटर तथा बिल बनाने वाले ऑपरेटरों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा दोनों ऑफिस से बड़ी मात्रा में दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।