सूरत में अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों का सूखा
सूरतPublished: Jul 17, 2017 08:52:00 pm
खेल के क्षेत्र में शहर करीब दो दशक से खुद को अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक तैयार कर रहा है। हरसंभव
सूरत।खेल के क्षेत्र में शहर करीब दो दशक से खुद को अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक तैयार कर रहा है। हरसंभव कोशिश हो रही है कि जो भी संसाधन मिलें, अंतरराष्ट्रीय मानकों के हां। स्वीमिंग पूल हो या खेल के मैदान या फिर दूसरा इंफ्रास्ट्रक्चर जो नया बन रहा है, अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक ही बन रहा है। इसके बाद भी सूरत में अंतरराष्ट्रीय खेल मुकाबलों का सूखा है कि खत्म होने का नाम नहीं लेता। खासकर क्रिकेट और तैराकी में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए सूरत के पास बेहतर संसाधन हैं, फिर भी अंतरराष्ट्रीय मुकाबले सूरत की झोली में नहीं आते। जानकारों की मानें तो अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल स्पर्धाओं के आयोजन के लिए स्थानीय स्तर पर अब तक गंभीर प्रयास नहीं हुए हैं।
यह हैं संसाधन
शहर में अंतरराष्ट्रीय खेल मुकाबलों के लिए लालभाई कांट्रेक्टर और पीठावाला स्टेडियम मानकों को पूरा करते हैं। शहर में 15 स्वीमिंग पूल हैं, जिनमें सात पूल ओलंपिक साइज के हैं। इनडोर खेलों के लिए इनडोर स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरता है। इसके बावजूद सूरत में अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए कोई आयोजक सामने नहीं आता। शहर में खेल प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए भी इंफ्रास्ट्रक्चर पूरा है। अलग-अलग जगह चार स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स हैं, जिनमें बच्चों को सभी सहूलियतें मुहैया कराई गई हैं। इसके अलावा उधना और रांदेर जोन में दो स्टेडियम हैं, जहां युवा खिलाडिय़ों को अभ्यास का बेहतर माहौल मिलता है।
यह भी एक वजह
जानकारों की मानें तो अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों के लिए जब तक सूरत तैयार हुआ, दूसरे शहर काफी आगे निकल गए। अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट मुकाबले के लिए मैदान पर फ्लड लाइट्स की जरूरत पूरा करने में सूरत को लंबा वक्त निकल गया। मनपा प्रशासन ने ओलंपिक साइज के स्वीमिंग पूल बनाए, लेकिन उसकी ब्रांडिंग समय पर नहीं हो पाई। रांदेर स्थित जोगाणीनगर स्वीमिंग पूल में राज्य और राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताएं हुई हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा नहीं हुई।
अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों तक पहुंचे खिलाड़ी
टेबल टेनिस में सूरत के हरमीत देसाई और सूरत की पूजा चौरुषी ने एथलीट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। इसके अलावा पल्लवी रेतीवाल और मोनिका नागपुरे भी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में जगह बना चुकी हैं। डांग की सरिता गायकवाड ने बाहमास में हुई विश्व रिले चैम्पियनशिप में भाग लिया था। क्रिकेट और अन्य खेल मुकाबलों में राष्ट्रीय स्तर पर तो सूरत समेत पूरे दक्षिण गुजरात से खिलाडिय़ों की लंबी फेहरिस्त है।
अंतरराष्ट्रीय आयोजन
सूरत में अंतरराष्ट्रीय स्तर की कुछ प्रतियोगिताएं हुई हैं, लेकिन शहर की तैयारी के हिसाब से यह नाकाफी हैं। मैराथन प्रतियोगिताएं सूरत में हुई हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय धावकों ने भी भाग लिया था। इसके अलावा सार्क देशों के बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा और फिर टेनिस स्पर्धा का आयोजन सूरत में हो चुका है। वर्ष 2016 में अंतरराष्ट्रीय कुडो स्पर्धा का आयोजन इनडोर स्टेडियम में हुआ था।
करीब आठ साल पहले भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच महिला क्रिकेट का अंतरराष्ट्रीय मैच पीठावाला स्टेडियम में खेला गया था। रणजी मुकाबले तो सूरत को मिलते रहे हैं, लेकिन जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों का आयोजन होना चाहिए, उसमें सूरत लगातार पिछड़ रहा है। जिस तरह से शहर ने क्रिकेट और स्वीमिंग एक्टिविटीज के लिए खुद को तैयार किया है, उन मुकाबलों का सूरत को इंतजार है।
विनीत शर्मा