scriptअब फॉर्म 402, 403 बने जी का जंजाल, ट्रांसपोर्टर्स ने पार्सल लेने से किया इनकार | Now the form 402, 403 becomes the janjal, transporters refuse to take parcel | Patrika News

अब फॉर्म 402, 403 बने जी का जंजाल, ट्रांसपोर्टर्स ने पार्सल लेने से किया इनकार

locationसूरतPublished: Jul 25, 2017 11:17:00 pm

जीएसटी के कारण पहले ही हजारों करोड़ रुपए का व्यापार गंवा चुके व्यापारियों को त्योहार से पहले थोड़ी-बहुत आस

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सूरत।जीएसटी के कारण पहले ही हजारों करोड़ रुपए का व्यापार गंवा चुके व्यापारियों को त्योहार से पहले थोड़ी-बहुत आस बची थी, लेकिन फॉर्म नंबर 402 और 403 ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। कई व्यापारी अभी तक जीएसटी नंबर नहीं होने के कारण फॉर्म जनरेट नहीं कर पा रहे हैं तो कुछ व्यापारी इस नियम से ही अनजान हैं। इस बीच मंगलवार से ट्रांसपोर्टर्स ने 402 और 403 फॉर्म के बगैर पार्सल लेने से इनकार कर दिया।

 जीएसटी ने व्यापारियों की नाक में दम कर रखा है। वह जीएसटी का एक नियम समझते हैं तो दूसरा नियम उलझन बन कर खड़ा हो जाता है। अभी तक व्यापारी इस उलझन में थे कि एआरएन नंबर मान्य है या नहीं, अब फॉर्म 402 और 403 ने उनकी उलझन बढ़ा दी है। कुछ व्यापारी, जिनके पास जीएसटी नंबर नहीं है, ट्रांसपोर्टर्स ने उनके पार्सल लेने से इनकार कर दिया है। ट्रांसपोर्टर फॉर्म 402 की मांग कर रहे हैं। कुछ व्यापारियों का मानना है कि 50 हजार रुपए से अधिक के पार्सल के लिए फॉर्म 402 चाहिए।

 उनके पार्सल लेने से भी ट्रांसपोर्टर ने इनकार कर दिया। व्यापारियों का कहना है कि फॉर्म 402 जनरेट करने के लिए जीएसटी नंबर चाहिए, जबकि अभी 50 प्रतिशत व्यापारियों के पास यह नंबर नहीं है। इसके अलावा सिस्टम धीमा चलने के कारण भी फॉर्म जनरेट करने में दिक्कत हो रही है। यूपी सरकार की ओर से हाल ही यूपी में माल लाने और ले जाने के लिए फॉर्म 402, 403 और ई-वे बिल अनिवार्य कर देने से वहां के ट्रांसपोर्टर्स ने भी फॉर्म के बिना माल लेने से इनकार कर दिया है। इससे व्यापारियों की त्योहारों से पहले बिक्री की रही-सही उम्मीद धुल गई है।

फॉर्म से परेशान

& कई ट्रांसपोर्टर फॉर्म के बिना माल नहीं ले रहे हैं। फॉर्म जनरेट करने में समय लगता है। कितनी रकम के पार्सल के साथ फॉर्म जरूरी है, यह जानकारी नहीं होने के कारण असमंजस बना हुआ है। व्यापारी माल नहीं भेज पा रहे हैं। कपीश खाटू, व्यापारी


मार्केट खुलने के बाद एक हजार करोड़ के पार्सल वापस आ गए


सूरत. जीएसटी के विरोध में कपड़ा मार्केट में बंद खत्म होने के बाद एक सप्ताह में ही एक हजार करोड़ रुपए का माल वापस आ गया। यह सिलसिला थमा नहीं है। करोड़ों रुपए का माल वापस आने को है। जीएसटी के खिलाफ सूरत में जुलाई की शुरुआत में मार्केट बंद हो गए थे। इसलिए अन्य राज्यों से आने वाले पार्सल ट्रांसपोर्टर्स के गोडाउन में ही रोक देने पड़े।
मार्केट खुलने के बाद ट्रांसपोर्टर्स के पास नए पार्सल के लिए जगह नहीं है, इसलिए वह पुराने पार्सल क्लीयर कर रहे हैं। वह व्यापारियों को उनके पार्सल वापस भेज रहे हैं। बताया जा रहा है कि मार्केट खुलने के एक सप्ताह में ही ट्रांसपोर्टर्स ने एक हजार करोड़ रुपए के रिटर्न गुड्स व्यापारियों को पहुंचाए।

फोस्टा प्रमुख मनोज अग्रवाल इसे जीएसटी का असर मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी की घोषणा के बाद व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर माल भेजा था, जो नहीं बिकने के कारण वापस आ रहा है।

दक्षिण में दिक्कत नहीं

& नया नियम होने के कारण व्यापारी और ट्रांसपोर्टर्स को दिक्कत आ रही है। दक्षिण के राज्यों में फॉर्म 402 और 403 की दिक्कत नहीं है। धीमे-धीमे नियम समझ में आ जाएंगे।
रंगनाथ सारडा, व्यापारी

& यूपी, बिहार सहित कुछ राज्यों की सरकार ने माल लाने-ले जाने के लिए फॉर्म 402, 403 और ई-वे बिल अनिवार्य कर दिया है। इसलिए हमने भी मीटिंग कर बिना फॉर्म माल लेने से इनकार कर दिया। युवराज देशले, प्रमुख, सूरत टैक्सटाइल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन
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