एक सप्ताह में हीरा उद्योग में तीन पार्टियों का पलायन, 200 करोड़ से ज्यादा फंसे
सूरतPublished: Jul 22, 2017 05:22:00 am
कपड़ा उद्योग के बाद अब हीरा उद्योग में पलायन का सिलसिला शुरू हुआ है। एक सप्ताह में तीन पार्टियां पलायन कर
सूरत।कपड़ा उद्योग के बाद अब हीरा उद्योग में पलायन का सिलसिला शुरू हुआ है। एक सप्ताह में तीन पार्टियां पलायन कर गई हैं। इनमें से दो सूरत और एक मुंबई की है। इनके पास सूरत के लेनदारों के दो सौ करोड़ रुपए से अधिक फंसे हुए हैं। लेनदार इनकी खोज में जुटे हैं, लेकिन तीनों में से किसी का कोई अता-पता नहीं मिल पाया है।
सूत्रों के अनुसार वराछा में रफ हीरे खरीद कर मैन्युफैक्चरिंग का काम करने वाले एक हीरा उद्यमी के चार-पांच दिन पहले कारखाने पर नहीं आने के कारण उसे उधार हीरे देने वाले व्यापारी उसके निवास स्थान पर पहुंचे, लेकिन वह वहां नहीं मिला। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ है। उसके मूल वतन में भी किसी को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेनदारों ने बुधवार को सूरत डायमंड एसोसिएशन में उसके खिलाफ ज्ञापन दिया है। बताया जा रहा है कि इस उद्यमी के पास लेनदारों के 15 करोड़ रुपए फंस गए हैं।
कतारगाम क्षेत्र में हीरा मैन्युफैक्चरिंग का काम करने वाले एक कारखानेदार का भी चार दिन से अता-पता नही है। इसकी जानकारी मिलने पर गुरुवार को लेनदारों ने उसके कारखाने के सामने हंगामा मचाया और उसके घर जाकर जांच की, लेकिन वह नहीं मिला।
उसके पास 80 करोड़ रुपए फंसे होने की जानकारी मिली है। तीसरी घटना में मुंबई के भारत डायमंड बूर्स मेें हीरा दलाली का काम करने वाला दलाल हीरा व्यापारियों के 70 करोड़ रुपए से अधिक के हीरे लेकर पलायन कर गया। उसके पास सूरत के व्यापारियों के भी 30 करोड़ रुपए से अधिक फंस गए हैं। बताया जा रहा है कि यह व्यापारी मूलत: उत्तर गुजरात का है। कुछ हीरा व्यापारी उसके वतन जाने पर विचार कर रहे हैं।
स्टॉक की चिंता
अब तक हीरा उद्योग में ज्यादातर काम कच्चे पर ही चलता था। कई व्यापारी बिना किसी बिल के खरीद-बिक्री करते थे। जीएसटी के नियम के कारण रफ हीरे खरीदने से लेकर इससे जुड़े तमाम लोगों को रजिस्ट्रेशन लेना पड़ेगा। इससे कई व्यापारी चिंतित हंै कि पिछले स्टॉक को किस तरह क्लीयर किया जाए। पलायन की इन घटनाओं को भी जीएसटी से जोड़कर देखा जा रहा है।