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COURT ORDER के बाद भी आदिवासी महिला को नहीं मिली अपनी जमीन

locationसरगुजाPublished: Apr 29, 2016 12:40:00 pm

Submitted by:

Pranayraj rana

एक माह से लगा रही है पटवारी कार्यालय का चक्कर, भू-माफियाओं द्वारा कब्जा कर दबंगों को बेच दी गई है जमीन

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अंबिकापुर. लोक सुराज अभियान में इस वर्ष राजस्व विभाग में लंबित मामले एक प्रमुख विषय होगा। लेकिन दूसरी तरफ इसी राजस्व न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के बावजूद एक आदिवासी महिला को उसके ही जमीन पर अभी तक कब्जा नहीं मिल सका है।

आदिवासी महिला की जमीन पर भू-माफियाओं द्वारा न केवल कब्जा कर लिया गया है, बल्कि उसे बिहार के कुछ दंबगों को बेच दिया गया है। कब्जा नहीं मिलने पर महिला एसडीएम, तहसीलदार व पटवारी के कार्यालय का चक्कर लगा रही है। लेकिन उसकी कोई सुन नहीं रहा है।

बतौली के ग्राम झरगवां निवासी धनेश्वरी उरांव ने अनुविभागीय न्यायालय में 170 ख के तहत ग्राम झरगवां में स्थित भूमि खसरा क्रमांक 320 रकबा 1.32 एकड़ भूमि का कब्जा वापस दिलाए जाने हेतु राजस्व न्यायालय में एक राजस्व प्रकरण प्रस्तुत किया था। मामले में आए साक्ष्यों व पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर 5 मार्च 2016 को अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय द्वारा तहसीलदार बतौली को आदेश जारी किया गया था।

आदेश जारी करते हुए अभिलेख दुरूस्त कर अनुसूचित जनजाति के मूल भूमिस्वामी के वारिसों को वादभूमि के 0.534 हेक्टर रकबा का कब्जा दिलाने को कहा गया था। इसके बावजूद आज तक वादभूमि का कब्जा महिला को नहीं मिल सका। महिला कब्जे के लिए पिछले एक माह से कई कार्यालयों का चक्कर लगा चुकी है, लेकिन उसकी कोई नहीं सुन रहा है।

भू-माफियाओं ने दबंग को बेच दी जमीन
एसडीओ न्यायालय द्वारा मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि वादभूमि को बेनामी अंतरण शहर के पंजाब गार्डन निवासी संजय सोनी द्वारा जगरनाथ के नाम पर कराकर विरेन्द्र सिंह को सौंप दिया गया था। इस जगह पर विरेन्द्र सिंह द्वारा ढाबा खोल लिया गया है। धनेश्वरी ने बताया कि विरेन्द्र सिंह द्वारा वादभूमि पर ढाबा खोल इसमें अवैध कारोबार चलाया जा रहा है।
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