वष्ाü 1899 में छप्पनियां अकाल के बाद सवाई माधोसिंह द्वितीय ने प्रभातपुरी बांध बनवाया। अब इस बांध में सूराख होने से बरसात का जल नहीं ठहरता। नाहरगढ़ के नाहर सिंह भोमिया भी गणेशपुरी महाराज के शिष्य थे। छाजू सिंह बड़नगर ने “पांच युवराज” में गणेशपुरी का जन्म गुजरात में होना बताया है।
अल्पायु में माता-पिता की मृत्यु के बाद गणेशपुरी ने भगवान दत्तात्रेय को गुरू मानकर साधना शुरू की। वे गुजरात के गिरनार, काठियावाड़ होते हुए मालवा पहुंचे। उन्होंने शिप्रा नदी के किनारे पर करीब बीस साल तपस्या की। बाद में गणेशपुरी ने अपने शिष्य नाहर सिंह भोमिया के साथ आमेर रियासत में गुर्जरघाटी में पहाड़ी की खोल में तीस साल तक तपस्या की।
– जितेन्द्र सिंह शेखावत