आज नागपचंमी के दिन करे ये टोटके तो चमक जाएगी किस्मत
Published: Jul 14, 2017 09:41:00 am
इस वर्ष 14 जुलाई 2017 को नागपंचमी मनाई जा रही है
naag panchmi puja ke totke in hindi
इस वर्ष 14 जुलाई 2017 को नागपंचमी मनाई जा रही है। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्पदोष होता है या राहू-केतु किसी कारण से परेशान कर रहे हैं तो नागपंचमी के दिन किए गए उपायों से उनकी सभी समस्याएं तुरंत दूर हो जाती हैं और वो आजीवन सुखी रहते हैं। आइए जानते हैं नागपंचमी को किस तरह नाग की पूजा करें तथा किन उपायों अथवा टोटकों से अपनी किस्मत को चमकाएं।
नागपंचमी पर पूजा की विधि
सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई कर नित्यकर्म से निवृत्त होने के बाद स्नान कर साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजन के लिए सेंवई-चावल आदि ताजा भोजन बनाएँ। कुछ भागों में नागपंचमी से एक दिन भोजन बना कर रख लिया जाता है और नागपंचमी के दिन बासी खाना खाया जाता है। इसके बाद दीवाल पर गेरू पोतकर पूजन का स्थान बनाया जाता है। फिर कच्चे दूध में कोयला घिसकर उससे गेरू पुती दीवाल पर घर जैसा बनाते हैं और उसमें अनेक नागदेवों की आकृति बनाते हैं।
इसके बाद सोने, चांदी, काठ व मिट्टी की कलम तथा हल्दी व चंदन की स्याही से अथवा गोबर से घर के मुख्य दरवाजे के दोनों बगलों में पाँच फन वाले नागदेव अंकित कर पूजते हैं। सर्वप्रथम नागों की बांबी में एक कटोरी दूध चढ़ा आते हैं। और फिर दीवाल पर बनाए गए नागदेवता की दधि, दूर्वा, कुशा, गंध, अक्षत, पुष्प, जल, कच्चा दूध, रोली और चावल आदि से पूजन कर सेंवई व मिष्ठान से उनका भोग लगाते हैं। सबसे अंत में आरती कर कथा सुननी चाहिए।
सावन के महीने में रखें ये सावधानी
पूरे श्रावण माह विशेष कर नागपंचमी को धरती खोदना निषिद्ध है। इस दिन व्रत करके सांपों को खीर खिलाई व दूध पिलाया जाता है। कहीं-कहीं सावन माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी को भी नाग पंचमी मनाई जाती है। इस दिन सफेद कमल पूजा में रखा जाता है।
नागपचंमी को करें ये टोटके (उपाय)
(1) नागपंचमी के दिन नाग के निवास स्थान अर्थात बांबी की पूजा करनी चाहिए।
(2) इस दिन शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध तथा जल अर्पित कर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
(3) नागपंचमी के दिन कालसर्पदोष दूर करने हेतु पूजा करने से विशेष लाभ होता है।
(4) इस दिन सुगंधित पुष्प तथा चंदन से नाग की पूजा करनी चाहिए।
(5) यदि कहीं कोई सर्प बंदी दिखे तो उसे मुक्त करवाना चाहिए।
(6) इस दिन ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा मंत्र को जप करके सिद्ध कर लेना चाहिए। बाद में जिसे भी इस मंत्र को पढकर झाड़ा देंगे उसका सर्पविष दूर हो जाएगा और वो स्वस्थ हो जाएगा।