स्वप्न में आकर शिवजी ने दी थी इस मंदिर निर्माण की प्रेरणा
Published: Aug 18, 2015 11:01:00 am
कस्बे से करीब 15 किमी. दूर खारी नदी व मीठी नदी के मध्य स्थित नोवी का मल्लेश्वर महादेव मंदिर पाली ही नहीं, जालोर व सिरोही के श्रद्धालुओं की आस्था का भी प्रमुख केन्द्र है।
तखतगढ़। कस्बे से करीब 15 किमी. दूर खारी नदी व मीठी नदी के मध्य स्थित नोवी का मल्लेश्वर महादेव मंदिर पाली ही नहीं, जालोर व सिरोही के श्रद्धालुओं की आस्था का भी प्रमुख केन्द्र है। प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर यह मंदिर तीनों जिलों की सीमाओं पर स्थित है। मंदिर में आकर्षक शिवलिंग के साथ ही शिव के साथ पार्वती व कार्तिकेय की मूर्तियां विराजत है। मंदिर का इतिहास भी काफी रोचक है।
कहा जाता है कि विदेशी आक्रमणों एवं प्राकृतिक आपदाओं को सहते हुए मंदिर नष्ट प्राय: हो गया, लेकिन 12वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में पाली शहर में विध्वंश के बाद पलायन करते सयम राजपुरोहितों ने भगवान सदाशिव की स्वप्न प्रेरणा से पलासिया गांव के निकट नदी तट पर मंदिर परिसर में चबूतरे पर भारणेश्वर महादेव की स्थापना कर पूजा-अर्चना शुरू की। उस समय यह क्षेत्र उदयपुर महाराणा के राज्य की सीमा में आता था। विक्रम संवत 16 वीं शताब्दी में एक शिव भक्त गोपी महाराज ने भगवान शिव की प्रेरणा से मंदिर परिसर में प्राकृतिक शिवलिंग को खोज निकाला। इसके बाद तत्कानीन राजाओं के सहयोग से इस मल्लेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण करवाया गया।