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चेन्नई ओपन में 4 साल का भारतीय इंतजार खत्म,बोपन्ना-जीवन बने चैंपियन

Published: Jan 09, 2017 12:07:00 am

Submitted by:

Kuldeep

बोपन्ना और जीवन की भारतीय जोड़ी ने हमवतन पूरव राजा और दिविज शरण को पीटकर युगल खिताब जीता। भारत को यहां आखिरी खिताब 2012 में मिला था।

ROHAN BOPANNA And JEEVAN NEDUNCHEZHIYAN

ROHAN BOPANNA And JEEVAN NEDUNCHEZHIYAN Crowned Champs At Chennai Open Tennis

चेन्नई। यहां चल रहे 4,47,480 डॉलर की पुरस्कार राशि वाले चेन्नई ओपन टेनिस टूर्नामेंट में भारत का 4 साल लंबा इंतजार रविवार को खत्म हो गया। रोहन बोपन्ना और जीवन नेदुनचेझियन की भारतीय जोड़ी ने हमवतन पूरव राजा और दिविज शरण को लगातार सेटों में 6-3, 6-4 से पीटकर का युगल खिताब जीत लिया। एक घंटा छह मिनट में चैंपियन बने बोपन्ना और जीवन की यहां यह पहली खिताबी जीत है। लिएंडर पेस ने यांको टिप्सारेविच के साथ 2012 में यह खिताब जीता था, जो चेन्नई ओपन में किसी भारतीय की आखिरी सफलता थी।





दूसरी वरीयता प्राप्त स्पेन के रॉबर्टो बतिस्ता अगुत ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए रूस के डेनिल मेदवेदेव को रविवार को लगातार सेटों में 6-3, 6-4 से पीटकर एकल खिताब जीत लिया। बतिस्ता अगुत ने यह मुकाबला एक घंटे 14 मिनट में जीता। उन्होंने खिताबी मुकाबले में गैर वरीयता प्राप्त मेदवेदेव को वापसी करने का कोई मौका नहीं दिया। बतिस्ता ने मैच में चार ब्रेक अंकों में से दो ब्रेक अंक भुनाए। मेदवेदेव पूरे मैच में एक बार भी ब्रेक अंक हासिल नहीं कर पाए।



बोपन्ना ने भी यहां 11 साल पुराना दर्द दूर किया, जब वह 2006 में प्रकाश अमृतराज के साथ फाइनल में पहुंचकर हार गए थे। लिएंडर पेस 2015 में रावेन क्लासेन के साथ खेलते हुए फाइनल में हारे थे। टूर्नामेंट के 21 साल लंबे इतिहास में यह सातवां मौका है, जब भारतीय खिलाड़ी ने यह खिताब जीता है। अनुभवी बोपन्ना और जीवन ने शानदार प्रदर्शन किया और पूरव तथा दिविज के स्वप्निल अभियान को फाइनल में थाम दिया।



निश्चित रूप से यह एक बेहतरीन प्रदर्शन था और बोपन्ना ने पहली बार यह खिताब जीतकर एक तरह से अखिल भारतीय टेनिस संघ को करारा जवाब दिया, जिसने उन्हें फरवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाले डेविस कप मुकाबले के लिए नहीं चुना है।



36 वर्षीय बोपन्ना के करियर का यह 15वां खिताब है, जबकि 28 वर्षीय चेन्नई के खिलाड़ी जीवन ने अपना पहला खिताब जीतने में कामयाबी हासिल की। साल के इस पहले एटीपी टूर्नामेंट में भारत के लिए बोपन्ना और जीवन का खिताब जीतना एक बड़ी उपलब्धि रही।


उधर, स्पेन के रॉबर्टो बतिस्ता अगुत ने अपनी पहली सर्विस पर 84 फीसदी और दूसरी सर्विस पर 82 फीसदी अंक बटोरे। मेदवेदेव के लिए यह आंकड़ा 71 और 43 फीसदी रहा। दोनों के बीच करियर का यह पहला मुकाबला था। एटीपी रैंकिंग में 99 नंबर के खिलाड़ी 20 वर्षीय मेदवेदेव का यह पहला फाइनल था, लेकिन वह बतिस्ता की चुनौती से पार नहीं पा सके। यहां 2013 में उपविजेता रहे विश्व के 14वें नंबर के खिलाड़ी बतिस्ता अपना 11वां फाइनल खेल रहे थे और उन्होंने खिताबी जीत दर्ज कर ली।

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