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बच्चों की जगह ग्रामीण हो रहे पोषित

locationटीकमगढ़Published: Jun 29, 2017 08:34:00 pm

Submitted by:

Widush Mishra

जिले में दिनों-दिन बड़ रहे कुपोषित बच्चों के बाद शासन ने भले ही इसे विशेष श्रेणी में स्थान दिया हो और प्रशासन भी कुपोषण को दूर करने हर संभव प्रयास कर रहा हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति जस की तस बनी हुई है।



टीकमगढ़। जिले में दिनों-दिन बड़ रहे कुपोषित बच्चों के बाद शासन ने भले ही इसे विशेष श्रेणी में स्थान दिया हो और प्रशासन भी कुपोषण को दूर करने हर संभव प्रयास कर रहा हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति जस की तस बनी हुई है। आंगनवाड़ी केन्द्र महिनों से बंद पड़े हुए है और बच्चों के हक का पोषण आहार ग्रामीण खा रहे है। ऐसे में पूरी योजना पर ही सवाल उठ रहा है।
बल्देवगढ़ विकासखण्ड के ग्राम करमाशन घाट का आंनगवाड़ी केन्द्र कई दिनों से बंद पड़ा हुआ है। यह केन्द्र बंद होने के कारण यहां पर बच्चें नही आते है। बच्चों के न आने के कारण पोषण आहार वितरित करने वाले समूह के कार्यकर्ता यहां पर पोषण आहार लाकर ग्रामीणों को बांट देते है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर कार्यकर्ता एवं सहायिका कभी कभार ही आते है। इस कारण अधिकांश दिन केन्द्र बंद रहता है। नियमित केन्द्र न खुलने के कारण यहां पर बच्चों ने आना बंद कर दिया है। वहीं समूह भी अपनी खानापूर्ति के लिए प्रतिदिन नाम के लिए पोषण आहार लाकर जरूरतमंद ग्रामीणों को बांट कर अपने काम की इतिश्री कर लेते है। ऐसे में शासन की कुपोषण से लडऩे की इस महात्वाकांछी योजना पर ही प्रश्र खड़ा हो रहा है।
125 बच्चें दर्ज: विदित हो कि इस आंगनवाड़ी केन्द्र पर 125 बच्चें दर्ज है। प्रतिदिन समूह द्वारा इतने बच्चों का पोषण आहार वितरित करना बताया जा रहा है। जबकि गुरूवार को दोहपर 12.30 बजे केन्द्र बंद होने पर जब समूह का कार्यकर्ता पोषण आहार लेकर आया तो वह महज 5-6 बच्चों के हिसाब का ही लाया था और गांव की दो जरूरतमंद महिलाओं को देकर चला गया। ग्रामीणों की माने तो यहां पर लंबे समय से यही चल रहा है। इस संबंध में परियोजना अधिकारी राजकुमारी एल्वर्ट से बात करनी चाही तो उन्होंने अपना फोन बंद कर दिया।
कहते है अधिकारी: मैं आज ही इस मामले में सुपरवाईजर से बात करता हूं। इस केन्द्र का निरीक्षण कर ग्रामीणों से हकीकत पता की जाएगी। यदि इस प्रकार की लापरवाही की जा रही है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।- आशीष जैन, सहायक संचालक, महिला बाल विकास विभाग, टीकमगढ़।


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