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टीकमगढ़

कागजों में गुम हो गई तम्बाकू मुक्त घोषणा, शिक्षक ही खा रहे तम्बाकू

लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूलों के प्राचार्य को आदेश देकर तम्बाकू मुक्त स्कू ल संबंधी घोषणा-पत्र देने के लिए कहा था। लेकिन जिले के ज्यादातर शिक्षण संस्थानों ने इसके लिए कोई प्रयास ही नहीं हुए।

टीकमगढ़Sep 20, 2016 / 04:18 pm

Widush Mishra

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टीकमगढ़.नशे की बुराई को दूर करने के लिए सरकार ने शिक्षा विभाग से प्रयास तो शुरू किए लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षक ही गुटखा और तम्बाकू खा रहे हैं। वहीं स्कूल के आसपास खुली दुकानों में स्टेशनरी बेचने के नाम पर गुटखा और तम्बाकू बिक रहे हैं। जिले के शासकीय और अशासकीय शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू से मुक्त करने के आदेश कागजों में कैद हो गए है।


लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूलों के प्राचार्य को आदेश देकर तम्बाकू मुक्त स्कू ल संबंधी घोषणा-पत्र देने के लिए कहा था। लेकिन जिले के ज्यादातर शिक्षण संस्थानों ने इसके लिए कोई प्रयास ही नहीं हुए। स्कूलों में निरीक्षण के लिए पहुंचने वाले अधिकारी भी केवल हस्ताक्षर करके ही अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर रहे है। प्राचार्यो द्वारा इसके बावजूद दावा किया जा रहा है कि वह तम्बाकू मुक्त जागरुकता का प्रयास कर रहे है।

तम्बाकू मुक्त अभियान की अवधि के बाद भी सर्कुलर के परिणाम जाने गए तो सामने आया कि ज्यादातर शिक्षण संस्थाओं ने तय घोषणा-पत्र ही जमा नहीं कराए है। शिक्षण संस्थाओं ने इस काम से बचने के लिए तम्बाकू मुक्त स्कूल की गाइडलाइन को कागजों से बाहर नहीं निकलने दिया। जिले की अधिकतर शिक्षण संस्थाओं ने घोषणा-पत्र पर अमल तो दूर इसे पूरा भी नहीं किया है।


जिला मुख्यालय के सीनियर बेसिक हाईस्कूल,शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 और शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्याालय क्रमांक-1टीकमगढ़ में तम्बाकू मुक्त किए जाने को लेकर पोस्टर, बैनर और विद्यालय में कहीं भी लेखन का संकेत नहीं मिला। प्राचार्य जगदीश सिंह चौहान और हनुमंत सिंह चौहान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मई से आज तक विद्यालय में तम्बाकू मुक्त का कोई भी कार्यक्रम नहीं किया गया।

सुना जरूर था कि नशामुक्त का एक अभियान है, जिसके द्वारा छात्रों को नशा के बारे में जानकारी और दूसरे व्यक्तियों को नशा से दूर करने के लिए प्रेरित किया जाना है। इसके साथ ही एक्सीलेंस प्राचार्य आरके सक्सेना का कहना था कि विद्यालय में कार्यक्रम हुआ था। लेकिन कार्यक्रमों के बारे में जानकारी नहीं है।


वहीं कक्षा 11वीं के छात्र देवेंद्र यादव, धर्मेद्र प्रजापति,देवी सिंह यादव, सोनू, सुरेद्र राजपूत ने बताया कि विद्यालय में नशा के बारे में कोई कार्यक्रम नहीं किया जाता है। और न ही जिम्मेदारों द्वारा विद्यालय में छात्रों के लिए कोईजागरूकता कार्यक्रम चलाया गया है। छात्रों को नशा की जानकारी देते के लिए कक्षाओं में विद्यालय प्रबंधकों द्वारा बालसभा, संगोष्ठी, प्रभातफेरी, नुक्कड़ नाटक, प्रदर्शनी और प्रतियोगिताएं की जानी थी। लेकिन प्राचार्यों सहित छात्रों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

प्राचार्यों को दी थी जिम्मेदारी
लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी आदेश में सभी शिक्षण संस्थाओं के प्राचार्यो को तम्बाकू मुक्त संबंधी अहम जबाबदारी दी गई थी। आदेश के मुताबिक जिले के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को तम्बाकू मुक्त करना प्राचार्य की जिम्मेदारी होगी। इसके लिए उन्हें जिला शिक्षाधिकारी को एक घोषणा-पत्र भी जारी करना था। जिसमें इस बात का प्रमाण देना था कि उनका स्कूल पूरी तरह से स्कूल तम्बाकू मुक्त है। स्कूल का कोई भी शिक्षक,छात्र और अन्य कर्मचारी तम्बाकू का सेवन नही कर सकता है। लेकिन तम्बाकू मुक्त अभियान विद्यालयों में फिसड्डी निकला। 


हर तीन महीने में देना होती है रिपोर्ट
शासन के द्वारा सभी स्कूलों के प्राचार्यो को जिला शिक्षा अधिकारी के पास चेतावनियों के साथ फोटो और घोषणा-पत्र देने के लिए कहा गया था। इसमें यह उल्लेख करना जरूरी है था कि स्कूल परिसर में कोई भी बाहरी व्यक्ति,कर्मचारी और छात्र तम्बाकू पदार्थो का सेवन करते पाए गए तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अधिकांश स्कूलों में शिक्षक ही तम्बाकू का सेवन करते है। न वो न ही शिक्षक छात्रों को रोकते है और न ही उनके अधिकारी अपने शिक्षक पर कोई कार्रवाई करते है।


दाग दिखने पर प्राचार्य की जबाबदारी
अहम बात यह कि अगर स्कूल में जांच के दौरान दीवारों पर तम्बाकू गुटखे के दाग नजर आते है। तो इसकी जिम्मेदारी भी विद्यालय प्रमुख की होगी। लेकिन इस आदेश के बाद भी शिक्षा विभाग ने अपने अधीन विद्यालयों को नहीं देखा है। प्राचार्यो को परिसर में तम्बाकू मुक्त क्षेत्र और मुख्य गेट पर 100 गज के दायरे में तम्बाकू पदार्थाे की बिक्री पर प्र्रतिबंध चेतावनी लिखाया जाना था। लेकिन यह भी नगर के किसी भी स्कूल में नहीं मिली।

शासन द्वारा द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान के द्वारा विद्यालयों में छात्रों को नशे से रोकने के लिए कार्यक्रम किए जाने थे। जिसमें नशे से होने वाली हानियों की जानकारी देेकर जागरूक करना था। यदि ऐसा नही हो रहा है तो जांच कर कार्रवाईकी जाएगी। 
बीएस देशलहरा, जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़
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