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पुण्यतिथि- 26/11 हमले के शहीद मेजर संदीप उन्नीकृष्णन

Published: Nov 27, 2015 11:33:00 pm

उनकी बहादुरी के लिए उन्हें 26 जनवरी 2009 को भारत के सर्वोच्च शांति समय बहादुरी पुरस्कार, अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।

Death anniversary Major Sandeep Unnikrishnan

Death anniversary Major Sandeep Unnikrishnan

जयपुर। संदीप उन्नीकृष्णन आज के दिन 28 नवम्बर 2008 को मुंबई हमले में आतंकियों से लोहा लेते समय शहीद हो गए थे। संदीप भारतीय सेना में एक मेजर थे, जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (एनएसजी) के कुलीन विशेष कार्य समूह में काम किया। वे नवम्बर 2008 में मुंबई के हमलों में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें 26 जनवरी 2009 को भारत के सर्वोच्च शांति समय बहादुरी पुरस्कार, अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।

ऊपर मत आना, मैं उन्हें संभाल लूंगा, ये संभवतया उनके द्वारा उनके आदमियों को कहे गए अंतिम शब्द थे, ऐसा कहते कहते ही वे ऑपरेशन ब्लैक टोरनेडो के दौरान मुंबई के ताज होटल के अन्दर सशस्त्र आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हो गए। बाद में एनएसजी के सूत्रों ने स्पष्ट किया कि जब ऑपरेशन के दौरान एक कमांडो घायल हो गया, मेजर उन्नीकृष्णन ने उसे बाहर निकालने की व्यवस्था की और खुद ही आतंकवादियों से निपटना शुरू कर दिया। आतंकवादी भाग कर होटल की किसी और मंजिल पर चले गए और उनका सामना करते करते मेजर उन्नीकृष्णन गंभीर रूप से घायल हो गए और वीरगति को प्राप्त हुए।

संदीप उन्नीकृष्णन बैंगलोर में स्थित एक नायर परिवार से थे, यह परिवार मूल रूप से चेरुवनूर, कोजिकोडे जिला, केरल से आकर बैंगलोर में बस गया था। वे सेवानिवृत्त आईएसआरओ अधिकारी के. उन्नीकृष्णन और धनलक्ष्मी उन्नीकृष्णन के इकलौते पुत्र थे।

मेजर उन्नीकृष्णन ने अपने 14 साल फ्रैंक एंथोनी पब्लिक स्कूल, बैंगलोर में बिताए, 1995 में आईएससी विज्ञान विषय से स्नातक की उपाधि प्राप्त ली। वे अपने सहपाठियों के बीच बहुत लोकप्रिय थे, वे सेना में जाना चाहते थे, एक अच्छे एथलीट होने के कारण, वे स्कूल की गतिविधियों और खेल के आयोजनों में बहुत सक्रिय रूप से हिस्सा लेते थे। उनके अधिकांश एथलेटिक रिकॉर्ड, उनके स्कूल छोडऩे के कई साल बाद तक भी टूट नहीं पाए। अपनी ऑरकुट प्रोफाइल में उन्होंने अपने आप को फिल्मों के लिए पागल बताया। कम उम्र से ही साहस के प्रदर्शन के अलावा उनका एक नर्म पक्ष भी था, वे अपने स्कूल के संगीत समूह के सदस्य भी थे।

सेना कैरियर
संदीप 1995 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में शामिल हो गए। वे एक कैडेट थे, ओस्कर स्क्वाड्रन (नंबर 4 बटालियन) का हिस्सा थे और एनडीए के 94 वें कोर्स के स्नातक थे। उन्होंने कला (सामाजिक विज्ञान विषय) में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी।
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