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पुण्यतिथि- सेवा की साकार मूर्ति थीं “मदर टेरेसा” 

मात्र 8 वर्ष की उम्र में ही क्रिश्चियन मिशनरीज की कहानियों से प्रभावित हो मदर टेरेसा ने 12 वर्ष की उम्र में अपने आपको जीसस को समर्पित कर दिया था

Sep 05, 2015 / 12:24 am

विकास गुप्ता

Mother Teresa

Mother Teresa

जयपुर। अपने जीवन को गरीबों की सेवा में अर्पण करने वाली मदर टेरेसा 20वीं सदी में मानव जाति की पथ-प्रदर्शक बनीं। मेसेडोनिया में 26 अगस्त 1910 को जन्म लेने वाली मदर टेरेसा जन्म से रोमन कैथोलिक थी।

मात्र 8 वर्ष की उम्र में ही क्रिश्चियन मिशनरीज की कहानियों से प्रभावित हो मदर टेरेसा ने 12 वर्ष की उम्र में अपने आपको जीसस को समर्पित कर दिया था। 18 वर्ष की उम्र में एक यात्रा के दौरान उन्हें आध्यात्मिक अनुभव हुआ जिसके बाद सेवा का प्रण लेकर भारत के कलकत्ता (वर्तमान में कोलकाता) शहर में चली आई। यहां उन्होंने सड़क के किनारे पड़े लाचार, बीमार और असहाय लोगों के लिए सेवा का कार्य शुरू किया।

कोलकाता में उनके सेवा भाव से प्रेरित होकर लोगों ने उन्हें चंदा देना शुरू किया। उनके पास दुनिया भर से सहायता आनी शुरू हुई जिसकी सहायता से वह दुनिया भर में मिशनरी के कार्यो को फैलाने लगी। उनके सेवाकार्यो से प्रभावित होकर उन्हें वर्ष 1979 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा। मदर टेरेसा की आज ही के दिन हार्ट फेल्योर हो जाने से 5 सितम्बर 1997 को मृत्यु हो गई। उन्हें मृत्यु उपरांत कैथोलिक चर्च द्वारा संत की उपाधि से सम्मानित किया गया।

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