जयपुर। आपके साधारण मोबाइल को टच स्क्रीन बनाने वाले और आपकी जेब तक संगीत पहुंचने वाले स्टीव जॉब्स ने आज ही के दिन 05 अक्टूबर 2011 में दुनिया को अलविदा कह दिया था। एप्पल के सीईओ रह चुके स्टीवी जॉब्स कैंसर से पीडित थे। आईपॉड, आईफोन, आईपैड और मैकिंटॉश या मैक कंप्यूटर बनाने का श्रेय उन्हीं को जाता है।
बचपन से ही थे जूनूनी
जॉब्स पर किशोरावस्था से ही कंप्यूटर बनाने की धुन सवार थी। पढ़ाई में मन न लगने की वजह से उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया। इसी दौरान पैसे न होने की वजह से वो कोक की खाली कैन जमा करते, उन्हें बेचते और उससे खाना खरीदते। कई बार मंदिरों में खाना खाते।
नीम करौली बाबा से मिलने भारत आए थे
जिंदगी को समझने के लिए स्टीव जॉब्स भारत में नीम करोली बाबा की तलाश में आए थे, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही बाबा गुजर गए। भारत में रहते हुए उन्होंने महसूस किया कि पश्चिमी लोग तर्कों के आधार पर चलते हैं, जबकि भारत के सीधे सरल लोग अंदर की आवाज से चलते हैं।
युवा अवस्था में बनाया था कंप्यूटर
जॉब्स ने युवा अवस्था में ही अपने दोस्त स्टीव वोजनियाक के साथ उन्होंने मैकिंटॉश कंप्यूटर बनाया और एक कंपनी खड़ी कर दी। इसी दौरान उनकी बिल गेट्स से दोस्ती हुई जो बाद में जबरदस्त प्रतिस्पर्द्धा में बदल गई। हर चीज में चरम खूबसूरती खोजने के आदी जॉब्स को जितने लोग पसंद करते थे, उतने ही लोग उन्हें नापंसद भी करते थे, लेकिन नापसंद करने वाले भी हमेशा ये जरूर कहते रहे कि जॉब्स विलक्षण प्रतिभा थे।
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