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वैंप की इमेज से खुश हैं अश्विनी

Published: Mar 26, 2015 02:55:00 pm

अश्विनी: महेश भट्ट ने एक बार कहा था कि इमेज बनाना बेहद जरूरी है और फिर उसे ब्रेक कर दें

मुंबई। एक्ट्रेस अश्विनी कालसेकर ने “कसम से”, “जोधा अकबर” और हाल ही “इतना करो ना मुझे प्यार” जैसे शोज में सशक्त नेगेटिव किरदार किए हैं। फिल्मों में भी कई तरह के रोल निभा चुकी अश्विनी ने बताए करियर की अनसुनी बाते।


फिर से “इतना करो ना मुझे प्यार” में ऎसा ही रोल किया।

यह नेगेटिव रोल नहीं है। कहानी मुख्य पात्रों के नजरिए से कही गई है, इसलिए जब भी मुख्य पात्र और कैरेक्टर के बीच टकराव होता है, कैरेक्टर को हमेशा नेगेटिव माना जाता है। सही अर्थ में देखा जाए, तो मेरे कैरेक्टर पाम ने अपने भाई और उसके बच्चों की खुशी के लिए अपने प्यार का बलिदान किया है। कोई भी कैरेक्टर सिर्फ ब्लैक और व्हाइट नहीं होता।

क्या वैंप की इमेज से खुश हैं?

मुझसे ऑडियंस जितना नफरत करती है, उतना ही मैं सोचती हूं कि लोगों ने मुझे अपनाया है। महेश भट्ट ने एक बार कहा था कि इमेज बनाना बेहद जरूरी है और फिर उसे ब्रेक कर दें। विलेन में सभी नौ रस होते हैं।

रोहित शेट्टी की कई फिल्में की हैं।

मैं इसे ईश्वर की मेहरबानी समझती हूं कि मेरा परिचय रोहित सर से हुआ। रोहित के लिए मुझे भीड़ में खड़े होने और पासिंग शॉट देने में भी आपत्ति नहीं। मैं उनके लिए अपने दूसरे काम छोड़ दूंगी। रोहित शेट्टी, श्रीराम राघवन और रामगोपाल वर्मा जैसे डायरेक्टर्स ने एक्टर्स पर भरोसा किया है। वे हमारे साथ सिर्फ हमारी काबिलियत के आधार पर काम करते हैं।

टीवी पर आपका फेवरिट शो?
“गंगा” और “बेगुसराय”।

कोई ड्रीम रोल?

मैं लालची एक्टर हूं। मैं हीरो तक का रोल करना चाहूंगी। मैं संजय लीला भंसाली के साथ काम करना चाहती हूं। मैं “बाजीराव मस्तानी” में काम करना चाहती हूं।

आप इतना खुश कैसे रह पाती हैं?
शूटिंग करना और अच्छे सीन देना मुझे यंग फील करवाता है। यदि मैं दो दिन भी काम नहीं करती हूं, तो मैं डल दिखने लगती हूं।
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