कटारिया की युवा सेना में दो फाड़
उदयपुर शहर जिला भाजयुमो की नवगठित कार्यकारिणी में दावेदारों को किनारे लगाने की राजनीति ने
उदयपुर।उदयपुर शहर जिला भाजयुमो की नवगठित कार्यकारिणी में दावेदारों को किनारे लगाने की राजनीति ने गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की उलझनें और बढ़ा दी हैं। आपसी मनमुटाव के बीच कटारिया की ‘युवा सेनाÓ में दो फाड़ होने के किस्से आम होने लगे हैं। दो थड़े में बंटी भाजयुमो की यह गुटबाजी अब खुलकर सामने आने लगी है। इसका एेसा नजारा रविवार को हुए एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखा।
टाइगर हिल पर प्रताप गौरव केंद्र परिसर में राष्ट्रीय स्फूर्ति केंद्र पर शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे गृहमंत्री कटारिया के स्वागत में दोनों ही गुट साथ आगे आए लेकिन अगले ही पल शहर भाजयुमो जिलाध्यक्ष गजेंद्र भण्डारी और दूसरे गुट में शामिल पूर्व जिलाध्यक्ष जिनेंद्र शास्त्री व मयंक कोठारी समर्थकों के साथ आंखों ही आंखों में वर्चस्व की लड़ाई लड़ते रहे।
दिलों में दूरियां
पूर्व शहर जिलाध्यक्ष शास्त्री के बाद गृहमंत्री कटारिया के निर्देश पर संगठन ने गजेंद्र भण्डारी को जिलाध्यक्ष बनाया। गजेंद्र के साथ अध्यक्ष पद के दावेदारों में नरेश वैष्णव, मयंक कोठारी व लवदेव बागड़ी बड़े पद के दावेदार थे। लेकिन कार्यकारिणी में दावेदारों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद गत दिनों जिलाध्यक्ष ने संगठन की नई कार्यकारिणी घोषित की। इस कार्यकारिणी गठन में पार्टी का पुराना संतुलन का समीकरण गायब हो गया। यानि जिनको कार्यकारिणी का अध्यक्ष बनने का मौका नहीं मिला उनको महामंत्री जैसा खास पद भी नहीं दिया जा सका। इसके बाद भाजयुमों में दो खेमे बन गए। इनकी यह तनातनी अब सार्वजनिक होने लगी है। दूसरी और सच यह है कि संभाग की राजनीति में कटारिया, किरण माहेश्वरी, धर्मनारायण जोशी एवं ताराचंद जैन की गुटबाजी पहले ही भाजपा में चर्चित है।
अपनों में चर्चा
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि शहर भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट भाजयुमो में नरेश वैष्णव को महामंत्री, जबकि कोठारी एवं बागड़ी को जिला उपाध्यक्ष बनाना चाहते थे। इसके लिए भट्ट ने भाजयुमो अध्यक्ष भण्डारी को कार्यकारिणी की प्रस्तावित सूची में सुधार करने को कहा था लेकिन जिलाध्यक्ष भण्डारी ने स्वयं-भू बन कार्यकारिणी घोषित कर दी। गौरतलब है कि पूर्व मंे भी प्रदेश भाजयुमो अध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रदेश उपाध्यक्ष पद के लिए गजपालसिंह का नाम भेजा था लेकिन शीर्ष पर प्रदेश भाजपा नेतृत्व अशोक परनामी ने इसमें संशोधन कर गजपालसिंह का नाम हटवा दिया था। संगठन में यह रीत बहुत पहले से चली आ रही है।
कुछ नहीं, हम एक हैं
एेसा कुछ नहीं है। सभी एक है। सब जिम्मेदारी निभा रहे हैं। फालतू बातों से मतलब ही नहीं है। गुलाबचंद कटारिया, वरिष्ठ भाजपा नेता व गृहमंत्री, राजस्थान