सिंघवी के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति नहीं
उदयपुरPublished: Feb 10, 2016 05:48:00 am
महाघूसकांड के आरोपितों में निलंबित प्रमुख शासन सचिव अशोक सिंघवी के खिलाफ अब तक भारत सरकार
उदयपुर।महाघूसकांड के आरोपितों में निलंबित प्रमुख शासन सचिव अशोक सिंघवी के खिलाफ अब तक भारत सरकार के कार्मिक विभाग से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिल पाई। मंगलवार को सिंघवी जयपुर में पेशी पर होने से न्याायलय में पेश नहीं हो पाया। चालानी गार्डो ने सिंघवी के अलावा अन्य तीन आरोपितों को पेश किया। न्यायालय ने आरोपितों के अधिवक्ताओं को प्रकरण में बहस के लिए कहा तो उन्होंने अनुसंधान जारी होने से समय चाहा।
न्यायालय ने निर्देशों के साथ अगली पेशी 22 फरवरी तक टाल दी। सुबह करीब 11:15 बजे चालानी गार्ड निलंबित अतिरिक्त खान निदेशक पंकज गहलोत, खनि अभियंता पुष्करराज आमेटा व दलाल संजय सेठी को लेकर एसीबी न्यायालय पहुंचे। 11.40 बजे चालानी गार्ड तीन आरोपितों को लेकर न्यायालय में पेश हुए। बाहर आकर चंद मिनटों के लिए अधिवक्ता व परिजनों से मिले। 13 मिनट बाद चालानी गार्ड तीनों आरोपितों को बख्तरबंद गाड़ी से वापस उदयपुर केन्द्रीय कारागृह ले गए।
महीनों से जेल में
करीब पौने पांच माह से अशोक सिंघवी सहित चार आरोपित जेल में है। इधर, जमानत पर बाहर आए चार्टर्ड अकाउंटेंट श्याम सुन्दर सिंघवी, धीरेन्द्र उर्फ चिंटू भी न्यायालय में पेश हुए। हाल में हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर आए रशीद खां की तरफ से अधिवक्ता ने हाजिरी माफी लगाई जबकि मार्बल उद्यमी शेर खां की मौत संबंधी तस्दीक के कागज अभी न्यायालय में पेश नहीं हुए। मार्बल उद्यमी शेर खान की गत दिनों बीमारी के चलते मृत्यु हो गई थी। एसीबी ने 16 सितंबर को ढाई करोड़ की रिश्वत के आरोप के मामले में इन्हें पकड़ा था।
एक सीडी को बताया करप्ट
न्यायालय में सुनवाई के दौरान आरोपितों के अधिवक्ताओं ने कहा कि एसीबी में उन्होंने साक्ष्य संबंधी 13 सीडियां उपलब्ध करवाई थी, लेकिन उसमें से एक सीडी करप्ट है। उसकी रिकार्डिंग को सुना जाना संभव नहीं है। न्यायालय ने आगामी पेशी पर सही सीडी उपलब्ध करवाने के एसीबी को निर्देश दिए। एसीबी की ओर से एएसपी बृजेश सोनी ने कहा कि अशोक सिंघवी की अभी भारत सरकार की ओर से अभियोजन स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई। अभी एसीबी की आेर से अनुसंधान कर साक्ष्य संकलन का कार्य किया जा रहा है। मामले के अनुसंधान अधिकारी अभी अवकाश पर हैं तथा उपाधीक्षक सुरेन्द्र शर्मा इसी मामले में हाईकोर्ट में है। न्यायालय ने अधिवक्ताओं से कहा कि उपलब्ध तथ्यों के आधार पर आगामी पेशी पर बहस करेंगे। सरकार की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन अधिकारी गणेश शंकर तिवारी ने न्यायालय में आवश्यक साक्ष्य पेश किए।