scriptहक की लड़ाई – बिना पैसे दिए नहीं होगी सड़क चौड़ी | Battle of Haq - Road will not be given without money | Patrika News

हक की लड़ाई – बिना पैसे दिए नहीं होगी सड़क चौड़ी

locationउज्जैनPublished: Jun 20, 2017 10:24:00 am

सभापति बोले थे मुआवजा दिलाएंगे, अब मुकर गए और सामने नहीं आ रहे, प्रभावितों ने बीच सड़क की बैठक, क्षेत्रीय पार्षद के नाते सभापति गेहलोत पर फूटा आक्रोश, बोले मुआवजा नहीं तो रोड नहीं निकलने देंगे, आज कार्तिक चौक पर धरना देंगे 

Road will not be given without money

Road will not be given without money

उज्जैन. मोढ़ धर्मशाला से सत्यनारायण मंदिर के महाकाल सवारी मार्ग के चौड़ीकरण प्रभावितों ने मुआवजा नहीं दिए जाने पर क्षेत्रीय पार्षद व सभापति सोनू गेहलोत पर निशाना साधा। लोग बोले कि गेहलोत ने आकर कहा था कि बगैर मुआवजा चौड़ीकरण नहीं होने देंगे, अब वे मुकर गए और मुंह छुपा रहे हैं। उनके भाजपा बोर्ड ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी। कलेक्टर गाइडलाइन से मुआवजा नहीं मिलने तक हम लोग एक इंच जमीन भी नहीं देंगे।

मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद कार्रवाई
मुख्यमंत्री की घोषणा वाले इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने कमर कस ली है। इसी बीच प्रभावितों ने विरोध तेज कर दिया। सोमवार को सत्यनारायण मंदिर के बाहर प्रभावितों ने बीच सड़क बैठक की। मंगलवार सुबह 11 बजे सभी कार्तिक चौक तिराहे पर बीच सड़क पर बैठकर विरोध जताएंगे। क्षेत्र के राजेश त्रिवेदी ने कहा कि लोगों को एफएआर का लाभ नहीं चाहिए। ज्यादातर लोग सामान्य परिवार के हैं। घर टूटेंगे तो रिपेयरिंग के रुपए कहां से लाएंगे। बारिश सिर पर है और निगम की मनमानी नहीं चलेगी। बता दें, 79 लोग चौड़ीकरण की जद में आ रहे हैं।



ये बोले प्रभावित
  • सवारी मार्ग के ज्यादातर प्रभावित आर्थिक रूप से सामान्य है। महाकालेश्वर की सवारी आसानी से निकले, सभी यह चाहते हैं, लेकिन बिना मुआवजा दिए घर तोडऩा तुगलकी है, ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे।
मनीष शर्मा, क्षेत्रीय रहवासी

  • कुछ लोगों ने सेडबेक छोड़कर घर बनाए, वे भी परिधि में आ रहे हैं। उनका फ्रंट भाग टूटेगा। लाखों के नुकसानी की भरपाई कौन करेगा। कई लोग तो ऐसे हैं, जिनके पास रिपेयरिंग के भी पैसे नहीं हैं।
त्रिलोकचंद पोरवाल, किराना व्यापारी

  • सभापति बोल गए थे कि बगैर मुआवजा चौड़ीकरण नहीं करेंगे, लेकिन अब उनके ही बोर्ड ने मंजूरी दे दी। जब महाकाल के पास आरएसएस की संस्था को मुआवजा दिया तो गरीबों को क्यों नहीं।
संचित शर्मा, युकां नेता व क्षेत्रीय रहवासी

  • कुछ मकानों की लंबाई काफी कम है। चौड़ीकरण के बाद जरा सी जगह में क्या करेंगे। व्यवहारिक कठिनाइयों को समझें बगैर निगम हिटलरशाही कर रहा है। बारिश सिर पर है, लोग परिवार लेकर कहां जाएंगे।
अनिल परमार, क्षेत्रीय रहवासी

ये बोले सभापति
प्रयास किए थे कि प्रभावितों को मुआवजा मिले, लेकिन शासन स्तर से ही नई नीति पर अमल की बात आई। जनप्रतिनिधियों ने सहमति बनाकर निर्णय लिया। लोगों से अपील करता हूं कि वे एफएआर का लाभ लेकर शहर विकास में सहयोग करें।
सोनू गेहलोत, निगम सभापति व क्षेत्रीय पार्षद 
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