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कैशलेस चुनौती : एटीएम पासवर्ड पूछ, अकाउंट से रुपए गायब कर रहे

locationउज्जैनPublished: Dec 08, 2016 01:06:00 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

जिले में ही 80 से 100 धोखाधड़ी के मामले, साइबर क्राइम चुनौती बनकर सामने आ रहा है। ऑनलाइन धोखाधड़ी कर पलभर में लोगों को लाखों की चपत लगा रहे हैं।

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उज्जैन. साइबर अपराध के यह कुछ मामले भर हैं, जो कैशलेस आर्थिक व्यवस्था को लेकर चिंता में डाल रहे हैं। जिस तरह तकनीकी का उपयोग बढ़ रहा है, जिले में साइबर क्राइम चुनौती बनकर सामने आ रहा है। हाईटेक हुए अपराधी अब ऑनलाइन धोखाधड़ी कर पलभर में लोगों को लाखों की चपत लगा रहे हैं। 

अकाउंट से रुपए गायब
एटीएम से पासवर्ड पूछकर अकाउंट से रुपए गायब करने से लेकर नेट बैकिंग जैसी धोखाधड़ी प्रमुख है। स्थिति यह है कि जिले में इस वर्ष साइबर क्राइम की 80 से 100 शिकायतें आई है। इनमें अधिकांश शिकायतों का निराकरण नहीं हो सका है। हालांकि पुलिस अफसर साइबर क्राइम से निपटने के लिए लोगों को सजग रहने की सलाह दे रहे हैं। 

दूसरे राज्य के बदमाश, पहचान मुश्किल 
साइबर क्राइम में पुलिस की बड़ी परेशानी है कि अपराधी शातिर होकर तकनीकी का जानकार है। कई मामलों में बदमाश दूसरे राज्य के होकर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। पुलिस को इन्हें ढूंढना और पकडऩा आसान नहीं रहता है। दरअसल यह बदमाश मोबाइल और इंटरनेट से संपर्क करते है और अपराध कर गायब हो जाते हैं। नेट पर इनकी जानकारी भी झूठी रहती है। 


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इस तरह से करते हैं धोखाधड़ी
– मोबाइल पर बैंक या आधार कार्ड का नंबर पूछकर अकाउंट से राशि निकाल लेते हैं। इसके लिए बैंक या सरकारी दफ्तर के अधिकारी बनकर लोगों को गुमराह करते हैं। 
– फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया से आईडी चुराते हैं। इससे फेक आईडी बनाकर आर्थिक लेन-देन करते हैं। 
– इंटरनेट बैकिंग में हैकर खाता हेक कर राशि निकाल लेते हैं। कई दफे हैकर ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से दूसरे के खाते से खरीदारी कर लेते हैं। संबंधित व्यक्तिको सिर्फ मैसेज मिलते हैं। 
– लोगों को लॉटरी या इनाम देने का प्रलोभन देकर लोगों को पहले गुमराह करते हैं। फिर इनाम के एवज में कुछ राशि अपने खाते में डलवा लेते हैं।

स्टेट साइबर की भी ली जा रही मदद 
साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों की बीच पुलिस स्टेट साइबर टीम से भी मदद लेती है। दूसरे राज्यों से जुड़े अपराधियों को पकडऩे के लिए स्थानीय पुलिस के पास पूरा मेकेनिज्म नहीं है। ऐसे मेें बड़े मामलों को साइबर स्टेट को भेज दिया जाता है। 

यजूर्स यह रखें सावधानी
– अंजान कॉल आने पर पासवर्ड न बताएं। 
– इंटरनेट बैकिंग से ट्रांजेक्शन करने के दौरान सावधानी बरतें। 
– मोबाइल कॉल पर किसी के प्रलोभन में न आए। 
– ऐसे फोन कॉल की पुलिस को शिकायत करें। 

एएसआई के ही 27 हजार निकाले
माधवनगर थाने में पदस्थ एएसआई जीपी प्रजापति को ही साढ़े सत्ताइस हजार की चपत लग चुकी है। तीन माह पूर्व फ्रीगंज में प्रजापति पीएनबी के एटीएम से रुपए निकाले गए थे। वापस लौटने पर मोबाइल में मैजेस देख चौंक गए। उनके अकांउट का पासवर्ड देख शातिर बदमाश रुपए गायब कर चुके हैं। अब तक कोई सुराग नहीं मिला।

पासवर्ड बताते ही 83 हजार निकले
विश्व बैंक कॉलोनी निवासी गैराज संचालक का आईडीबीआई की फ्रीगंज शाखा में अकाउंट से हाल ही में 20 नवंबर को 83 हजार रुपए निकाल लिए गए। ठगी करने वाले ने खुद को बैंक अफसर बताते हुए कहा कि आपका खाता अपडेट करना है। आधार नंबर व पासवर्ड बताओ। पासवर्ड इधर बताया उधर चंद सेकंड में खाते से रुपए गायब हो गए।

महिला के खाते से डेढ़ लाख गायब
यूकों बैंक की फ्रीगंज शाखा से मक्सीरोड निवासी श्यामूबाई के दो से तीन बार में डेढ़ लाख रुपए किसी ने निकाल लिए थे। एसपी एमएस वर्मा के संज्ञान में मामला आया था, लेकिन फर्जी तरीके से रुपए निकालने वाले आरोपियों का सुराग नहीं मिला।

” साइबर क्राइम में आर्थिक अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लोग अधिकांश शिकायतें थाने पर करते हैं वहां से हमारे पास प्रकरण आते हैं। इस साल 80 से 100 शिकायतें आ चुकी है। सावधानी रखकर ही ऐसे अपराध से बचा जा सकता है।” 
– दीपिका शिंदे, प्रभारी, साइबर सेल
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