जैन समाज की चातुर्मासिक आराधना के अंतर्गत गच्छाधिपति आचार्य दौलतसागर सूरिश्वर की प्रेरणा व आचार्य नंदीवर्धन सागर व आचार्य हर्षसागर महाराज की निश्रा में प्रदक्षिणा यात्रा निकली।
उज्जैन. जैन समाज की चातुर्मासिक आराधना के अंतर्गत गच्छाधिपति आचार्य दौलतसागर सूरिश्वर की प्रेरणा व आचार्य नंदीवर्धन सागर व आचार्य हर्षसागर महाराज की निश्रा में प्रदक्षिणा यात्रा निकली। बैंडबाजों के साथ समाजजनों ने छोटा सराफा, नमकमंडी व खाराकुआं क्षेत्र के 8 जिनालयों में प्रदक्षिणा कर देववंदन के साथ मंदिरों में भगवान के उपयोग में आने वाली वस्तुएं भेंट की गई।
चातुर्मास संयोजक लालचंद राका व ट्रस्ट के राजेन्द्र पालरेचा ने बताया कि चातुर्मास अंतर्गत पहली बार प्रदक्षिणा यात्रा निकाली गई। यात्रा शांतिनाथ जैन मंदिर, वासुपूज्य मंदिर, ज्ञान मंदिर नमकमंडी, श्री सिध्दचक्र केसरियानाथ महातीर्थ, चिंतामणि पाश्र्वनाथ मंदिर होते हुए यात्रा बड़ा उपाश्रय मंदिर पहुंची। आचार्य ने समाजजनों को प्रभु की प्रदक्षिणा का महत्व बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति नित्य प्रभु के दर्शन व प्रदक्षिणा करता है उसे अनंतफलों की प्राप्ति होती है। यात्रा में विभिन्न सेवाओं का लाभ सीमाबेन गादिया, कोमलबेन विजयकुमार पटनी, बागमल गांधी, महेन्द्रकुमार सिरोलिया, जयंतीलाल पारसमल हरणिया, कोमलचंद अभिषेक नारेलिया आदि ने लिया। यात्रा में राकेश नाहटा, राजेन्द्र बांठिया, अनिल कंकरेचा, दिलीप ओरा, दिप्तेश रांका, कनकमल खाब्या, पारस मारू, राहुल कटारिया, मोनू जैन, पारूल नाहर, दिनेश सोलंकी सहित बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए।