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अभियान डेंगू : जन्म नहीं लेगा ‘टाइगर’ का आतंक

locationउज्जैनPublished: Sep 20, 2016 04:40:00 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

कुछ स्थानों पर डेंगू का लार्वा मिलने के बाद मलेरिया विभाग ने इसको फैलाने वाले टाइगर मच्छर को जन्म से पहले मारने का अभियान शुरू किया। अभी कहीं से भी डेंगू का लार्वा नहीं मिला है। 

Dengue larvae, Malaria Department campaign for Tig

Dengue larvae, Malaria Department campaign for Tiger mosquito

उज्जैन. कुछ स्थानों पर डेंगू का लार्वा मिलने के बाद मलेरिया विभाग ने इसको फैलाने वाले टाइगर मच्छर को जन्म से पहले मारने का अभियान शुरू किया। अभी कहीं से भी डेंगू का लार्वा नहीं मिला है। डॉक्टरी भाषा में डेंगू का मच्छर (टाइगर) कहलाता है। इसका यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि माइक्रोस्कोप से यदि मच्छर को देखा जाए तो उसके शरीर पर धारियां दिखाई देती हैं और इसका मुंह टाइगर जैसा होता है। 

बीमारियों के वायरस
बीमारियों के वायरस एक निश्चित समयावधि के बाद अपनी प्रकृति में बदलाव करते हैं। यह बदलाव वायरस के जेनेटिक मैटेरियल (स्ट्रेन) में होता है। स्ट्रेन में बदलाव होने से वायरस की ताकत बढ़ जाती है। इस कारण संक्रमण खतरनाक हो जाता है। मलेरिया का लार्वा मिला- अगस्त से दिसंबर तक का समय डेंगू के रोग का प्रकोप होता है। 

डेंगू के संक्रमण 
शासन ने डेंगू के संक्रमण को एंटी लार्वा एक्टिविटी और फीवर सर्वे से काबू में करने की हिदायत दी गई है। शहर सहित जिले के चिह्नित स्थानों पर लार्वा सर्वे हो रहा है। लोगों को बचाव के तरीके बताए जा रहे है। जिला मलेरिया विभाग रोज सर्वे कर रहा है। डेंगू मलेरिया के लार्वा को पनपने के पूर्व ही नष्ट किरने के लिए अभियान जारी है। विभाग की ओर से सोमवार को नीलगंगा क्षेत्र में फीवर सर्वे और एंटीलार्वा अभियान चलाया गया। इस दौरान 260 स्थानों पर रक्त पट्टियों की जांच में किसी को मलेरिया पाया गया। 348 स्थानों पर जल संग्रहण की जांच और 682 मकानों में सर्वे किया गया। 12 स्थानों पर एपाफिलिस का लार्वा मिलने पर उनको नष्ट किया गया। 21 सिंतबर को पिपलीलाका क्षेत्र में सर्वे और एंटीलार्वा अभियान चलाया जाएगा।

जिसके यहां मिलेगा लार्वा, चुकाना होंगे 500 रुपए 
डेंगू को लेकर आम व्यक्तियों को भी प्रशासन की कार्रवाई झेलना पड़ेगी। कलेक्टर संकेत भोंडवे के अनुसार जहां भी डेंगू का लार्वा पाया जाएगा, संबंधित के खिलाफ 500 रुपए का अर्थ दण्ड लगाया जाएगा। उन्होंने वेक्टरबोर्न डिसीज से बचाव के लिए लिए निरंतर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सर्वे के के निर्देश दिए हैं। अर्थ दण्ड की कार्रवाई के लिए स्थानीय निकाय व पंचायती राज संस्थाओं को जिम्मेदारी दी गई है।
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