युवक की प्रताडऩा से तंग आकर 22 वर्षीय युवती ने जीवनलीला समाप्त कर ली। मानवता तार-तार तब हुई जब मौके पर पहुंचा युवक फंदे पर लटकी युवती को उतारने के बजाए उसका सुसाइड नोट और मोबाइल ढूंढने लगा।
उज्जैन. युवक की प्रताडऩा से तंग आकर 22 वर्षीय युवती ने जीवनलीला समाप्त कर ली। मानवता तार-तार तब हुई जब मौके पर पहुंचा युवक फंदे पर लटकी युवती को उतारने के बजाए उसका सुसाइड नोट और मोबाइल ढूंढने लगा। दोनो चीजें मिलते ही युवक परिजनों से धक्का-मुक्की कर सुसाइड नोट और मोबाइल लेकर फरार हो गया। बेटी की मौत से आहत मां और बहन ने रोते हुए बताया कि युवक क्षेत्र का नामी बदमाश है। उसने कई सालों से युवती को घर में ही नजरबंद कर रखा था।
कई सालों से उसे तंग करता है
मगरमुंआ निवासी रिया (22) पिता मनीष भावसार ने रविवार शाम घर में ही गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के वक्त वह घर में अकेली थी। मां मनीषा छोटी बेटी प्रिया जोशी के महाकाल क्षेत्र स्थित ससुराल गई थी। 11 वर्षीय छोटा भाई लक्की जब शाम को खेलकर घर लौटा तो किसी ने दरवाजा नहीं खोला। इस पर वह मां के पास पहुंचा। घबराई हुई मां और दामाद घर पहुंचे। खटखटाने पर किसी ने आवाज नहीं सुनी। इस पर मनीषा क्षेत्र के युवक शिवेष व्यास को बुलाकर लाई। मनीषा ने बताया कि शिवेष कई सालों से उसे तंग करता है। वह 24 घंटे फोन कॉलिंग चालू रखता है इसलिए उससे पूछने गई थी कि कहीं उसे कुछ बोल तो नहीं दिया। घर आकर शिवेष ने तीन वर्षीय नातिन आरोही को कंधे पर बैठा कर रोशनदान से झांकने के लिए कहा। आरोही ने बताया कि मौसी लटक रही है। इस पर पड़ोसियों की मदद से दरवाजे के नकूचे तोड़कर कमरे में पहुंचे। शिवेष कमरे में घुसते ही रूम की तलाशी लेने लगा। टेबल पर रखे सुसाइड नोट और मोबाइल को लेकर मुझे धक्का मारते हुए वहां से निकल गया। इसके बाद रिया को नीचे उतारा और पुलिस को सूचना दी।
पहले भी कर चुकी थी आत्महत्या की कोशिश
रिया के पिता की तीन वर्ष पहले मौत हो गई थी। परिवार में केवल मां, 11 वर्षीय छोटा भाई और वही थी। मां मनीषा खाना बनाकर घर की गुजर-बसर करती है। मनीषा ने बताया कि क्षेत्र में रहने वाला नामी बदमाश शिवेष व्यास कई सालों से बेटी को तंग करता है। रिया पहले सिलाई का काम करती थी लेकिन शिवेष ने यह काम बंद करवा दिया। कई बार घर पर आकर गाली-गलौज की। परिवार में कोई पुरुष नहीं है।
नामी बदमाश शिवेष
शिवेष ने बेटे लक्की को जान से मारने की धमकी दे रखी थी, जिस वजह से चुप बैठे हुए थे। उसने रिया को घर पर ही नजर बंद कर रखा था। हमेशा मोबाइल कॉलिंग चालू रखता था। उसी के आदेश से वह खाना खा सकती थी। चचेरे भाई और जीजा तक से बात नहीं करने देता था। शिवेष से तंग आकर रिया ने पहले भी आत्महत्या का प्रयास किया था। हम कई बार शिवेष के सामने गिड़गिड़ाए लेकिन वह नहीं माना। पुलिस में शिकायत करने की भी सोची लेकिन रिया के जहऩ में इतना डर बैठा हुआ था कि उसने जाने नहीं दिया।
सवारी के इंतजाम के कारण सोमवार को थाने नहीं पहुंच पाए। रिया आत्महत्या मामले में परिजनों से बात नहीं हो पाई है। मंगलवार को परिजनों के बयान लिए जाएंगे।
– अजीत तिवारी, टीआई महाकाल