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उज्जैन में परस्पर सहकारी बैंक के चुनाव, दो पैनल में कांटे की टक्कर

locationउज्जैनPublished: Sep 25, 2016 11:04:00 am

Submitted by:

Lalit Saxena

परस्पर सहकारी बैंक के लिए रविवार सुबह 9 बजे से सख्याराजे धर्मशाला में मतदान शुरू हो गए हैं। इस चुनावी दंगल में दो पैनल के बीच कांटे की टक्कर है। 

Ujjain Co-operative Bank elections

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उज्जैन. परस्पर सहकारी बैंक के लिए रविवार सुबह 9 बजे से सख्याराजे धर्मशाला में मतदान शुरू हो गए हैं। इस चुनावी दंगल में दो पैनल के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। चुनाव के पहले विकास पैनल ने जहां उपलब्धियां गिनाईं, तो परिवर्तन पैनल ने पूर्व संचालकों पर झूठे दावे करने के आरोप लगाए।

बैंक का चहुंमुखी विकास किया
परिवर्तन पैनल कोई परिवर्तन नहीं, बल्कि बैंक डुबाने के लिए बनी है। जिस तरह प्रियदर्शनी पेढ़ी को डुबोया है, उसी तरह बैंक को गर्त में पहुंचाने की योजना है। सदस्य व मतदाता जानते हैं कि बैंक ने पिछले वर्षो में कितना विकास किया। यह बात उज्जैन परस्पर सहकारी बैंक के चुनाव लड़ रहे विकास पैनल के उम्मीदवारों ने मीडिया से कही। अनिलसिंह चंदेल ने आरोप लगाया कि बटुक व बमशंकर जैसे लोग दीवाली पर बैंक खुलवाते थे और लाखों निकाल लेते थे। इनसे 32 लाख रुपए जमा करवाए। चंदेल के मुताबिक विकास पैनल के सदस्यों की मेहनत का नतीजा है कि बैंक आज रिजर्व बैंक के मापदंड पर बी वर्ग में सहकारिता में ए वर्ग में पहुंच चुकी है। प्रदेश में संभवत: एकमात्र बैंक है, जिसने कर्मचारियों को छठा वेतनमान दिया। चंदेल ने आरोप को सिरे से नकार दिया कि दबाव में काम करवाते हैं। उन्होंने 20 उपलब्धियां बताते हुए विकास पैनल को जितने की अपील की। बालकृष्ण उपाध्याय, हरदयालसिंह ठाकुर, गीता रामी, श्रीराम सांखला, नरेंद्रसिंह तोमर सहित अन्य उम्मीदवार मौजूद थे। 



ये किए वादे 
बैंक कर्मचारियों को सातवां वेतनमान। एटीएम के लिए बैंकों से टाइअप। 
ऋण वितरण 38 से 60 करोड़ पहुंचाना।
डिपाजिट 67 से 100 करोड़ करना। बैंक की अन्य शाखा खोलना।



‘भाईसाब’ बिना नहीं मिलता लोन
परस्पर सहकारी बैंक में आम और गरीब लोगों की सुनवाई नहीं होती है। यहां अगर कोई लोन लेने जाता है तो उसके भाईसाब या भाईसाब के लोगों के चक्कर लगाकर विनती करना पड़ता है। बैंकों में खुली सदस्यता का कोरा वादा किया गया है, जबकि कई लोगों को सोच-समझकर सदस्यता खत्म कर दी गई है। झूठ के पुलिंदे पर चुनाव लड़ा जा रहा है। यह बात परिवर्तन पैनल के उम्मीदवारों ने मीडिया से कही। पैनल के रवि राय ने बताया कि ये लोग 15 वर्ष पूर्व बैंक का लाइसेंस खत्म करने का भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, जबकि 90 के दशक में देश का आर्थिक विकास एवं ग्राफ गिरने से यह स्थिति बनी थी। बाद में डूबत राशि सदस्यों ने राशि जमा करवाई, लेकिन ये लोग इसका श्रेय ले रहे हैं। विकास पैनल ने पान एशिया फाइनेंस कंपनी के 45 लाख रुपए वसूलने का दावा किया है, जबकि उक्त राशि का ब्याज में समायोजन किया जाना था, लेकिन इसे मूलधन में जमा कर बैंक को आर्थिक हानि पहुंचाई गई। राय ने आरोप लगाया कि जो उपलब्धि गिनाई जा रही है वह रिजर्व बैंक के दिशा-निदेर्शों के कारण मिली है। परिवर्तन पैनल के उम्मीदवार बैंक में पारदर्शी और गरीब लोगों के हितों के लिए मैदान में उतरा है। इस दौरान पैनल के जगदीश पांचाल, सुरेश रामी, प्रवीण सोलपंखी, मुकेश सोन सहित अन्य उम्मीदवार मौजूद थे।

”मतदाता बैंक पासबुक, वोटर आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस सहित अन्य पहचान पत्र लाकर मतदान कर सकते हैं। मतदान के पश्चात ही मतगणना होगी।”
– निर्वाचन अधिकारी श्वेता रावत 
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