विवि की तत्काल व्यवस्था बनी मुसीबत… 100 रुपए अतिरिक्त शुल्क देकर भी विद्यार्थी कर रहे घंटों इंतजार, तत्काल व्यवस्था के बाद भी सुविधा नहीं
उज्जैन. विक्रम विश्वविद्यालय में माइग्रेशन, डिग्री, प्रोविजनल डिग्री, पात्रता प्रमाण पत्र की तत्काल व्यवस्था अव्यवस्था की भेंट चढ़ रही है। विद्यार्थियों से तत्काल काम करने के नाम पर 100 रुपए अतिरिक्त लिए जाते हैं। इसके बावजूद उन्हें दिनभर भटकना पड़ता है, क्योंकि सभी प्रमाण पत्र अपराह्न 4 बजे के बाद ही दिए जाते हैं। इसी के साथ अगर विद्यार्थियों ने दोपहर तीन बजे के बाद फॉर्म दिया तो उन्हें अगले दिन बुलाया जाता है। एेसे में सबसे ज्यादा मुसीबत उज्जैन के अलावा अन्य जिलों से आने वाले विद्यार्थियों को होती है।
310 की जगह लगती 410 फीस
विवि में माइग्रेशन के लिए 310 रुपए शुल्क लिया जाता है। इसमें फॉर्म जमा करने के बाद प्रमाण पत्र निर्धारित पते पर भेज दिया जाता है। इसके अतिरिक्त तत्काल व्यवस्था के तहत 410 रुपए की रसीद कटती है। इस रसीद के साथ फॉर्म जमा करने पर आवेदन दिनांक के शाम 4 बजे सीधे माइग्रेशन व अन्य प्रमाण पत्र दिए जाते हैं।
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आधा दर्जन फॉर्म नहीं पहुंचे
शनिवार को काफी संख्या में विद्यार्थी तीन बजे के बाद आवेदन लेकर पहुंचे। पूछताछ कार्यालय ने आवेदन टेबल पर पहुंचा दिए, लेकिन टेबल ने लेने से मना कर दिया। इसके बाद आवेदन पूछताछ कार्यालय में रखे रहे। इन सभी विद्यार्थियों को सोमवार को बुलाया गया। इसी के साथ काफी विद्यार्थी अपने आवेदन पत्र लेकर ही लौट गए। विवि कुलानुशासक शैलेंद्र शर्मा का कहना है कि तत्काल व्यवस्था में हाथों-हाथ प्रमाण पत्र दिया जाता है। कई बार विद्यार्थी 4 बजे के बाद आते हैं। एेसे में प्रमाण पत्र बनाने में कठनाई होती है।
एेसी है कार्यालय की व्यवस्था
माइग्रेशन व अन्य प्रमाण पत्र के लिए विद्यार्थी ऑनलाइन व ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। तत्काल शुल्क के साथ आवेदन करने वालों को आवेदन दिनांक प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था है, लेकिन ऑनलाइन आवेदन करने वालों को एक दिन प्रमाण पत्र मिलता है, वहीं ऑफलाइन आवेदन करने वालों को पूछताछ कार्यालय पर फॉर्म जमा करना पड़ता है। इसके बाद यह फॉर्म संबंधित टेबल पर जाता है। अब अधिकारी के ऊपर निर्भर है कि उसी दिन या फिर एक दिन बाद प्रमाण पत्र मिल जाता है।