जिले की आठ नगरपालिकाओं में मतदान होने के बाद बोर्ड बनाने को लेकर दोनों राजनीतिक दलों के बीच मशक्कत तेज हो गई है।
संबंधित नगरपालिका क्षेत्र में संभावित जिताऊ प्रत्याशियों की घेराबंदी करते हुए बोर्ड बनाने के लिए जरूरी जादुई आंकड़े की गणित को बिठाने के लिए दोनों पार्टियों के पदाधिकारी जुट गए हैं।
भाजपा नेता जहां सभी आठो नगरपालिकाओं में बोर्ड बनाने की जुगत में हैं, तो कांग्रेस का जोर वैर, भुसावर व कुम्हेर नगरपालिकाओं पर अधिक है, लेकिन इन सभी आठों नगरपालिकाओं में निर्दलीयों व बागी उम्मीदवारों की भूमिका महत्वपूर्ण रहने वाली है।
मतदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही जिले की विभिन्न नगरपालिका क्षेत्रों में भाजपा व कांग्रेस के विधायकों सहित पार्टी पदाधिकारियों ने संभावित जिताऊ प्रत्याशियों को चिह्नित कर उन्हें अपने पाले (खेमे) में लाने का काम शुक्रवार देर रात से ही शुरू कर दिया था।
ऐसे उम्मीदवार अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहे। शनिवार दिनभर दोनों पार्टियों की ओर से ऐसे प्रत्याशियों की घेराबंदी का दौर चलता रहा।
विभिन्न नगरपालिका क्षेत्रों में पार्टी विधायकों ने प्रत्याशियों के साथ बैठक करते हुए संभावित बोर्ड की उम्मीदों को तलाशा। इस दौरान सम्बंधित नगरपालिका क्षेत्रों के विभिन्न वार्डों से जीतते नजर आ रहे संभावित प्रत्याशियो को चिह्नित करते हुए उनसे बातचीत का सिलसिला भी शुरू हो गया।
पार्टी विधायकों को सौंपी जिम्मेदारी
भाजपा ने जिले में पार्टी विधायकों को सम्बंधित नगरपालिका क्षेत्रों में बोर्ड बनाने को लेकर जिम्मेदारी सौंपी है। ऐसे में पार्टी विधायकों के साथ ही अन्य पदाधिकारी पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। जिले के आठों नगरपालिका क्षेत्रों में पार्टी के विधायक व अन्य प्रत्याशी बोर्ड बनाने के लिए पार्टी प्रत्याशियों के साथ समीकरण बिठाते नजर आए।
निर्दलीयों के दम पर दारोमदार
जिले की आठ नगरपालिका क्षेत्रों में से अधिकांश में निर्दलीय प्रत्याशियों के दम पर बोर्ड का गठन होता नजर आ रहा है।
इस पहलू को समझते हुए राजनीतिक दलों के के पदाधिकारियों ने निर्दलीयों से बातचीत करना शुरू कर दिया है। चुनाव में भाजपा ने 151 वार्ड तो कांगे्रस ने 70 वार्डों से ही प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।