अमर सिंह की घर वापसी में अड़ंगा
Published: Apr 04, 2016 06:27:00 pm
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव भी कर रहे हैं अमर सिंह की वापसी का विरोध
amar singh and mulayam singh yadav
नोएडा। पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह एक बार फिर घर वापसी की कोशिश कर रहे हैं। वे इसके लिए मुलायम सिंह को मनाने के साथ परिवार की पूरी खुशामद में भी लगे हैं। उनके द्वारा शिवपाल यादव के नवविवाहित बेटे की शादी के रिसेप्शन के आयोजन को भी इसी योजना का हिस्सा माना जा रहा है।
पार्टी में है विरोध
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक पार्टी के ही कई नेता अमर सिंह कि सपा में वापसी के खिलाफ हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव भी अमर सिंह की वापसी का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान किसी भी सूरत में अमर सिंह को वापस पार्टी में आते हुए नहीं देखना चाहते हैं। बता दें कि अमर सिंह को पार्टी से बाहर करने में आजम खान का ही हाथ सबसे ज्यादा माना गया था।
अमर सिंह की वापसी क्यों चाहते हैं मुलायम?
अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव की नाराजगी के बावजूद भी सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव खुद अमर सिंह को वापस पार्टी में लाने के पक्ष में हैं। खुद शिवपाल यादव भी इसके पक्ष में बताये जा रहे हैं। दरअसल समाजवादी पार्टी को इस बात का स्पष्ट आभास है कि मिशन 2017 में उसको एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर का सबसे ज्यादा सामना करना पड़ेगा। इसको कम करने के लिए पार्टी किसी भी हद तक जाने को तैयार है। मुलायम सिंह और शिवपाल का मानना है कि अमर सिंह पार्टी की इस मुहिम में सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं।
अमर सिंह के बॉलीवुड से अच्छे संबंध बताए जाते हैं। उनकी कोशिशों की वजह से कई बॉलीवुड सितारे समाजवादी पार्टी की रैलियों में सपा का प्रचार करते दिखते रहे हैं। मुलायम का मानना है कि अखिलेश की छवि को सुधरने के लिए और ब्रांड अखिलेश को जनता तक पहुंचाने में अमर सिंह का उपयोग किया जा सकता है।
…लेकिन यहां है अड़ंगा
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक नेता जी की इस सोच के अलग अखिलेश और राम गोपाल का मानना है कि अमर सिंह की नकारात्मक छवि पार्टी को नुकसान ही पहुंचाएगी। ध्यान रहे कि अमर सिंह का नाम अब तक कई विवादों में आ चुका है। उन पर बीजेपी सांसदों को खरीदने से लेकर बॉलीवुड की अभिनेत्रियों से अश्लील बातचीत तक के आरोप लग चुके हैं।
इसके अलावा वे पार्टी के खिलाफ जाकर नई पार्टी राष्ट्रीय लोक मंच के एेलान से लेकर मीडिया में सपा के खिलाफ बयानबाजी तक करते रहे हैं। उन्होंने अखिलेश यादव के खिलाफ जहर उगलने में भी कोई कसर नहीं रख छोड़ी थी। इसीलिए अखिलेश यादव अमर सिंह की वापसी के सख्त खिलाफ बताए जा रहे हैं।
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक राम गोपाल यादव का मानना है कि फरवरी 2010 में जब उन्हें पार्टी से निकाला गया था तब पार्टी का ग्राफ सबसे नीचे था। उसके बाद पार्टी ने सफलतापूर्वक 2012 का चुनाव जीता और इतिहास रचा। उनका मानना है कि अमर सिंह पार्टी के साथ अपने संबंधों का फायदा उठाते हैं और उनकी वजह से पार्टी को कोई खास फायदा नहीं होता। यहां तक कि अमर सिंह के कारण ठाकुर वोट भी पार्टी के साथ लामबंद नहीं होते।
रामगोपाल यादव के अनुसार फायदे की बजाय अमर सिंह की बॉलीवुड छवि होने के कारण विरोधियों को यह प्रचार करने का अवसर मिला था कि सपा आम आदमी की पार्टी नहीं, बल्कि वह सितारों की पार्टी है जो गरीबों के साथ नहीं है और पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ा था। पार्टी के पूर्व नेता और सांसद मोहन सिंह भी इसी सोच के बताये जाते थे। इसके आलावा पार्टी में अमर सिंह की आज़म खान से नाराजगी कुछ नई नहीं हैं।
दोनों ही मुलायम सिंह का ज्यादा करीबी होने के चक्कर में एक-दूसरे पर छींटाकशी करते रहे हैं। आजम खान अमर सिंह के कारण ही पार्टी छोड़कर बाहर जा चुके हैं, लेकिन आज की स्थिति में मुस्लिम वोटों के कारण सपा इस तरह का कोई भी खतरा मोल नहीं लेना चाहती। इसलिए राम गोपाल का मानना है कि अमर सिंह की पार्टी में वापसी फायदे कि जगह घाटे का सौदा साबित हो सकती है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार अमर सिंह की वापसी के पहले इन तमाम बिंदुओं पर सोचने-समझने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।