कहां तो मजिस्ट्रेट गए थे अपेक्स कॉलेज को सील करने। कॉलेज प्रबंधन से वार्ता के बाद छात्राओँ को ही हिरासत में ले लिया।
Apex girl students in police station after protest
वाराणसी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार में पुलिस पूरी तरह से निरंकुश हो गई है। आलम यह है कि हक की मांग करने वाली छात्राओं को पुलिस हिरासत में ले लेती है। उन्हें महिला थाने में बिठा दिया जाता है। छात्राओं को धरनास्थल से घसीट कर जबरन पुलिस वैन में बिठाया जाता है। छात्राओं और आम पब्लिक की मानें तो हक की आवाज बुलंद करना भी गुनाह है। ये हाल तब है जब इन छात्राओं को खुद सीएम योगी आदित्य नाथ ने न्याय का भरोसा दिलाया था। अब लोगों का पूछना है कि क्या यही है न्याय।
बता दें कि अपेक्स कॉलेज ऑफ नर्सिंग की छात्राएं चार महीने से हक की लड़ाई लड़ रही हैं। मुख्यमंत्री से मिलने लखनऊ तक गईं, वह भी दो-दो बार। मुख्यमंत्री के सचिव के निर्देश पर अपेक्स कॉलेज के चेयरमैन व निदेशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। कॉलेज प्रशासन एक छात्रा को 40 दिन तक बंधक बना कर रखता है। परिवार वालों संग छात्रा को जान से मारने की धमकी दी जाती है। इस मामले में भी कॉलेज चेयरमैन व निदेशक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होता है। लेकिन मुकदमा दर्ज हुए चार महीना गुजरने के बाद भी कॉलेज के निदेश के विरुद्ध चार्जशीट तक फाइल नहीं होती है। उल्टे हक की आवाज बुलंद करने वाली छात्राओं को ही हिरासत में ले लिया जाता है।
देखें वीडियो-
पुलिस उन छात्राओं को हिरासत में लेती है जिन्हें बीती रात कॉलेज प्रशासन अपने गुंडों से पिटवाता है। छात्राओँ को गंभीर चोटें आई हैं। कहां तक प्रशासन उनका इलाज कराता उल्टे उन्हें हिरासत में ले लिया गया। अब तो लोगों का कहना है कि यही पुलिस एक अन्य मामले में बिना मान्यता के कॉलेज चलाने वाले दो लोगों को जेल भेज देती है मगर अपेक्स कॉलेज ऑफ नर्सिंग के मामले में पुलिस चुप्पी साधे बैठी है।
ये भी पढ़ें– अपेक्सकॉलेज की छात्राओं की पिटाई,विरोध में कियाचक्का जाम ये हाल तब है जब अभी 24 घंटे पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हैं कि किसी भी सूरत में किसी मामले में दोषियों के साथ कोई मुरव्वत न की जाए और पीड़ित को किसी तरह से प्रताड़ित न किया जाए। लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में लंका थाने का अलग ही हाल है। अब लंका ही क्या पूरे पुलिस महकमा ही उल्टी चाल चलने लगा है। इसका क्या है जवाब।