वाराणसी. बीजेपी के लिए यूपी में वर्ष 2017 में होने वाला विधानसभा चुनाव भारी पड़ सकता है। बीजेपी के लिए वर्ष 2017 में तगड़ा झटका लग सकता है। बीजेपी ने वर्ष 2014 के संसदीय चुनाव जीतने के लिए जो रणनीति बनायी थी अब वह पार्टी पर भारी पड़ सकती है।
पीएम नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा है। चुनाव लडऩे से पहले बीजेपी ने अन्य दलों के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया था। इन नेताओं को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाये जाने की बात कही थी। बीजेपी ने अभी तक टिकट वितरण नहीं किया है लेकिन जनवरी में पार्टी ने प्रत्याशियों की सूची जारी करने की तैयारी की है। यूपी विधानसभा में बीजेपी की स्थिति अच्छी नहीं है। बीजेपी ने पीएम नरेन्द्र मोदी को ही अपना चेहरा बनाया हुआ है और अभी तक सीएम पद का प्रत्याशी तक घोषित नहीं किया गया है क्योंकि बीजेपी ने पहले ही कहा है कि वह पीएम मोदी के भरोसे ही चुनाव लडऩे जा रही है।
जानिए बीजेपी को कैसे लगेगा झटका
बीजेपी के वर्तमान विधायकों ने पार्टी का फिर से टिकट पाने का सपना देखा हुआ है, जबकि उन्हीं की सीट पर अन्य दलों से आये नेता चुनाव लडऩे के लिए तैयार है। बीजेपी ने वर्तमान विधायकों का टिकट काटा तो हंगामा होना तय है यदि पुराने विधायक को ही टिकट दिया तो दूसरे दल के आये नेता भी नाराज हो सकते हैं, जिससे भी बीजेपी को नुकसान होगा। फिलहाल यह बात तो तय हो चुकी है कि जैसे ही बीजेपी में टिकट का वितरण किया जायेगा। उसके बाद पार्टी में हंगामा मचना तय है। बीजेपी ने जितने बाहरी लोगों को पार्टी में शामिल किया है उसका अब पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
2019 में हो सकता है नुकसान
वर्ष 2019 को देश में संसदीय चुनाव होने हैं। यूपी चुनाव को संसदीय चुनाव का सेमिफाइन मान जा रहा है। यूपी चुनाव में किस पार्टी को सत्ता मिलती है यह तो समय ही बतायेगा, लेकिन बीजेपी में टिकट वितरण को लेकर विद्रोह हुआ तो इसका असर 2019 में भी पडऩा तय है। पार्टी सूत्रों की माने तो बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी जानते हैं कि पार्टी में टिकट वितरण के बाद बवाल हो सकता है इसलिए वह अंतिम समय में टिकट वितरण करना चाहते हैं ताकि असंतुष्टों को अन्य दल का सहारा न मिल पाये।