जिस सपा विधायक के सीट के नीचे मिला विस्फोटक, उस पर है आर्म्स एक्ट और अपहरण का मुकदमा
पत्रिका एक्सक्लूसिव
आवेश तिवारी
वाराणसी। उत्तर प्रदेश विधानसभा में जिस सपा विधायक मनोज पांडे की सीट के नीचे पीईएनटी नामक विस्फोटक मिला था वो आर्म्स एक्ट समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमा लड़ रहे हैं। गौरतलब है कि विस्फोटक मिलने की घटना के बाद मनोज पांडे से यूपी एटीएस द्वारा पूछताछ भी की जा रही है। ऊंचाहार रायबरेली के विधायक मनोज पांडे पर मौजूदा समय में तीन मुक़दमे चल रहे हैं जिनमे आर्म्स एक्ट के अलावा अपहरण का भी मामला शामिल है। मनोज पाण्डेय समाजवादी पार्टी की सरकार में विज्ञान एवं प्रौधोगिकी मंत्री भी रहे हैं ,लेकिन सपा सरकार में बाद में उनसे मंत्री पद छीन लिया था।
मनोज पांडे का आपराधिक इतिहास
उत्तर प्रदेश विधानसभा में जिस विधायक की सीट के नीचे खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन मिला था ऊंचाहार की जनता में उनके कारनामों की चर्चा आज भी है ,करीब 22 साल पहले 11 सितम्बर 1994 को उन पर अवैध असलहा रखने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था। वाहन चेकिंग के दौरान मनोज को अवैध देशी रिवाल्वर व कई कारतूसों आदि के साथ गिरफ्तार किया गया।इस मामले में मनोज पाण्डेय पहले ही जमानत करा चुके थे, लेकिन सात दिसम्बर 2012 को गैर हाजिर रहने व किसी प्रकार की अर्जी कोर्ट में न पड़ने के चलते उनके विरूद्ध गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया गया था। जिसके बाद वो इसी साल फरवरी माह में अदालत में पेश हुए थे ।जमीन की खरीद फरोख्त में बड़ा नाम रखने वाले मनोज पांडे को कुछ समय पूर्व सदर तहसील में एक लेखपाल को तहसील से मारते पिटते गाड़ी में लादकर बंधक बनाने की बात सामने आई थी इसके अलावा एक महिला का अपहरण कर चर्चित जहर खुरान के नाम पर उनके नाम बैनामा किये जाने के मामले में भी उन पर मुकदमा दर्ज हो चुका है उनके ऊपर एक शराब कारोबारी को महामंडलेश्वर जैसे पद पर विराजमान कराने का भी आरोप है।
रायबरेली काण्ड में भी आया था मनोज पांडे का नाम
मनोज पांडे का नाम पिछले सप्ताह उस वक्त सुर्ख़ियों में आया था जब योगी सरकार में मंत्री और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या ने उन पर रायबरेली काण्ड में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि सपा नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पाण्डेय रायबरेली में हुई पांच व्यक्तियों की हत्या में शामिल है। मौर्या का कहना था कि मनोज पाण्डेय ने इटौरा के ग्राम प्रधान की हत्या कराना चाहते थे। जिसके लिये उन्होंने बाहर से शूटर बुलाया था। सभी पांचों शातिर गैरजनपद से आए थे जिसको ग्रामीणों ने पकड़कर सजा दे दी। महत्वपूर्ण है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के पुत्र उत्कर्ष मौर्या रायबरेली की ऊंचाहार सीट से सपा के मंत्री मनोज पांडेय के खिलाफ विधानसभा चुनाव में उतरे थे लेकिन वो चुनाव हार गए। मनोज पाण्डेय पर इस किस्म के आरोप भाजपा और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं द्वारा भी दबी जुबान से लगाया जा रहा है। गौरतलब है कि मनोज पाण्डेय पूर्व मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव के बेहद नजदीकी रहे हैं।
एटीएस ने की है मनोज पांडे से पूछताछ
यूपी विधानसभा में जो विस्फोटक बरामद हुआ है वो नेता प्रतिपक्ष की सीट के तीन सीट पीछे सपा विधायक मनोज पांडेय की सीट के नीचे रखा था।सीएम
योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा में हुई इस चूक को लेकर सदन में भाषण भी दिया था और एनआईए की जांच की बात भी कही टी । अब एनआईए और एटीएस मिलकर इस मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो विधानसभा के अंदर विस्फोट ले जाने में 403 विधायक, मार्शल, सुरक्षाकर्मी या चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों में से ही कोई शामिल है। डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि विधानभवन के मंडप तक जाने की इजाजत सिर्फ इन्हीं लोगों को है। इनके अलावा वहां कोई और नहीं जा सकता है। इस बीच खबर यह भी है कि एटीएस ने विधानसभा की सीसीटीवी फुटेज को कब्जें में लेकर जांच शुरू कर दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिस सीट के पास में विस्फोटक मिला है, उस सीट और उसके आसपास की सीटों पर बैठने वाले माननीयों की सीसीटीवी फुटेज से पहचान की जा रही है।