वाराणसी. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में शुक्रवार को प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार के लिए जम कर नारेबाजी की है। लिंगदोह कमेटी की संस्तुतियों के अनुसार चुनाव के 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद हो जाना चाहिए। इसके चलते प्रत्याशियों को 24 सितम्बर को शाम चार बजे तक ही चुनाव प्रचार करने का मौका मिलेगा। प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है लेकिन परिसर के युवा कर्मचारी केके सिंह के निधन के चलते परिसर बंद हो गया था इसलिए छात्रों को कक्षाओं में जाकर जनसम्र्क करने का अधिक मौका नहीं मिल पाया।
परिसर में प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के चलते भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थी। प्रत्याशियों ने परिसर से जुलूस निकाला और जमकर चुनाव प्रचार किया। उस समय गहमागहमी की स्थिति बन जाती थी जब दो प्रत्याशियों का जुलूस आमने-सामने आ जाता था। विश्वविद्यालय परिसर की सड़क प्रत्याशियों के पंफलेट से भर गयी थी। चीफ प्राक्टर प्रो.योगेन्द्र सिंह भी लगातार चक्रमण करके स्थिति पर नजर रखने में जुटे हुए थे। प्रत्याशियों को यह पता था कि 24 सितम्बर की शाम के बाद वह चुनाव प्रचार नहीं कर पायेंगे। प्रत्याशियों व समर्थकों ने चुनाव प्रचार के लिए खुब पसीना बहाया।
शोक में बंद हो गया काशी विद्यापीठ
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के युवा व कर्मठ कर्मचारी केके सिंह का निधन हो जाने से परिसर के सारे लोगों में शोक व्याप्त है। केके सिंह ऐसे कर्मचारी थे जिन्हें परिसर में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता था। डेंगू से पीडि़त केके सिंह के निधन के चलते ही परिसर को सुबह ही बंद करा दिया गया था।
प्रत्याशियों के पास अब नहीं है मौका
प्रत्याशियों को 24 सितम्बर को परिसर में प्रचार करने का अधिक मौका नहीं मिलने वाला है। काशी विद्यापीठ में 26 सितम्बर को छात्रसंघ चुनाव होना है,ऐसे में 24 सितम्बर को मानविकी संकाय को बंद रखा जायेगा। मानविकी संकाय में सबसे अधिक छात्र व छात्रा अध्ययन करते है,ऐसे में प्रत्याशियों ने परिसर में चुनाव प्रचार करने की जिम्मेदारी अपने समर्थकों को दे दी है और वह वोटरों के घर जाकर चुनाव प्रचार करने में जुट गये हैं।