वाराणसी. सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के कुनबे की रार अब निर्णायक मोड पर पहुंचने वाली है। पूर्वांचल के सपाईयों की माने तो 5 नवम्बर से पहले सब कुछ साफ हो जायेगा कि सपा एक रहेगी या फिर बिखर जायेगी। पूर्वांचल के सपाईयों की निगाहें अब 23 अक्टूबर की बैठक पर टिक गयी है। सीएम अखिलेश ने सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की बैठक के एक दिन पहले ही विधायकों की बैठक बुला कर नया दांव खेल दिया है। राजनीतिक हलकों में इस बैठक के बहुत मायने निकाले जा रहे हैं। खास बात है कि पूर्वांचल के विधायकों और एमएलसी को आनन-फानन में बैठक में आने आमंत्रण मिला है जिससे वह भी सकते में आ गये हैं कि आखिकर अचानक बैठक बुलाने का मतलब क्या है।
सीएम अखिलेश की बैठक की जानकारी मिलते ही पूर्वांचल के सपार्ईयों ने लखनऊ जाने की तैयारी कर ली है। सपाईयों को सबसे अधिक चिंता इस बात की है कि आखिरकार बैठक में क्या होगा। यदि किसी कारण से विधायक या फिर एमएलसी बैठक में नहीं जायेंगे तो इस बात की चर्चा होगी कि वह मुलायम खेमे के हैं और उन्होंने सीए अखिलेश की बैठक का बहिष्कार कर दिया है। ऐसे में सारे लोग बैठक में जाने को तैयार है।
अगर ऐसा हुआ तो क्या करेंगे विधायक
नाम न छापने की शर्त पर पूर्वांचल के सपा विधायक ने बताया कि उन्हें इस बात का डर लग रहा है कि कहीं सीएम अखिलेश यह बात न करें कि आप किसके साथ है यदि ऐसा होता है तो हम लोगों के लिए जवाब देना कठिन हो जायेगा। सपा कुनबे का घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है ऐसे में इस बात की प्रबल संभावना है कि वहां पर सीएम अखिलेश भविष्य की राजनीति को लेकर बड़ा संदेश दे सकते हैं।
पूर्वांचल में पंचर हो रही साइकिल
सपा परिवार में मचे कलह की वजह से पूर्वांचल में साइकिल पंचर होने लगी है। सपाईयों का कहना है कि जहां एक तरफ अन्य दलोंं ने चुनावी तैयारी करके ताबड़तोड़ रैली की है वहीं सपा के लोग इस बात पर चर्चा करने में समय गुजार रहे हैं कि आगे क्या होगा। कही पर भी चुनाव की तैयारी नहीं हो रही है। यदि किन्हीं कारणों से सपा टूट जाती है तो पार्टी को यूपी की सत्ता में आने में लम्बा समय लग जायेगा। फिलाहल पूर्वांचल के सपाईयों के लिए 23 अक्टूबर का दिन बहुत खास है। इसी दिन अंदाजा लग जायेगा कि सपा का भविष्य कैसा है।