वाराणसी. एक साल पहले गणेश प्रतिमा को गंगा में विसर्जन करने की मांग को लेकर धरनारत साधु-संतों व बटुकों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार को काशी में काला दिवस मनाया गया। पातालपुरी पीठाधीश्वर महंत बालक दास जी महाराज ने नरहरपुरा स्थित मठ में शासन-प्रशासन की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन कर काला दिवस मनाया। इसके बाद पातालपुरी मंहत बालक दास महाराज ने यूपी के राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन डीएम विजय किरन आनंद को सौंपा। बता दें कि पिछले साल 22 सितंबर को गंगा में गणेश प्रतिमा विसर्जन करने की मांग को लेकर महंत बालक दास महाराज, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के साथ काशी के साधु-संत, बटुक व हजारों जनता गोदौलिया चौराहे पर धरने पर बैठे थे। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने लाठी चार्ज कर दिया, जिसमें साधु-संतों के साथ बटुकों को बहुत चोट लगी थी।
महंत बालद दास महाराज ने कहा कि 22 सितंबर 2015 को जिस तरीके से शांतिपूर्वक धरने पर बैठे साधु-संतों व बटुकों सहित सैकड़ों निर्दोष नागरिकों पर जिला प्रशासन द्वारा लाठी चार्ज कराया गया था, वह बहुत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि वह दिन भारत के इतिहास का एक काला दिन था, जिससे करोड़ों जनता को चोट पहुंची थी।
राज्यपाल से की मुकदमा वापस लेने की मांग
महंत बालद दास महाराज ने यूपी के राज्यपाल से ज्ञापन के माध्यम से निर्दोष पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की। साथ ही उन्होंने राज्यपाल से सनातन परंपरा के अनुसार जो त्यौहार है, उसमें शासन-प्रशासन द्वारा जबरदस्ती कोई अवरोध पैदा न करने की मांग की गयी है। पातालपुरी महंत ने मांग किया है कि गंगा में मुर्ति विसर्जन संबंधित मामले का फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराकर जल्द से जल्द निर्णय किया जाय, जिससे करोड़ों हिन्दुओं के स्वाभिमान की रक्षा हो सके।
शहीदों को दी श्रद्धांजलि
इस दौरान जम्मू कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी। कार्यक्रम में एसएसपी आकाश कुलहरि, महंत सर्वेश्वर शरण, महंत श्रवण दास, साध्वी हरि सिद्धि गिरि, महंत अवध किशोर दास, महंत राघव दास, महंत वल्लभशरण, महंत रौशन दास, महंत उमेश दास आदि उपस्थित रहे।
सुरक्षा के रहे कड़े बंदोबस्त
साधुओं के काला दिवस को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये थे। पुलिस प्रशासन ने पहले से ही साधु-संतों से सम्पर्क किया था ताकि किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति न बन पाये। साधु-संतों की मंशा थी कि गौदोलिया पर जहां लाठीचार्ज हुआ था वहीं पर विरोध कार्यक्रम चलाया जायेगा। लेकिन पुसिल प्रशासन की पहल से साधु-संतों ने अपने मठ में ही विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से हो जाने पर जिला व पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।