वाराणसी. निर्वाचन आयो के पास इसके अलावा कोई अन्य विकल्प ही नहीं था। जब राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी के लोगों ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया तो चुनाव निशान भी उन्हें मिलना ही था। ऐसे में निर्वाचन आयोग का फैसला स्पष्ट है। हां! जैसा सुना जा रहा है कि सीएम अखिलेश मुलायम सिंह से आशीर्वाद लेने गए हैं, अगर पिता व सपा के जनक का आशीर्वाद मिल जाए तो अखिलेश की बल्ले बल्ले होगी। यह कहना है वरिष्ठ पत्रकार और समाजवादी विचारक योगेंद्र नारायण शर्मा का।
बेदाग अखिलेश को मिलेगी अपार सफलता
सीएम अखिलेश की छवि पहले से ही अच्छी है। साढ़े चार साल तक जहां उन्होंने विकास को तवज्जो दी वहीं उन्होंने अपराधी प्रवृत्ति वालों को हाशिये पर डाल दिया। समाजवादी पार्टी के जनक मुलायम सिंह यादव और उनके भाई शिवपाल यादव ने दागी या अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को तवज्जो देने की कोशिश की तो अखिलेश ने उसका विरोध कर अपनी छवि को और बेहतर किया। ऐसे में अब जबकि निर्वाचन आयोग ने भी साइकिल चुनाव निशान अखिलेश को दे दिया है और उन्हें ही राष्ट्रीय अध्यक्ष मान लिया है तो बचा क्या। विधानसभा चुनाव में अखिलेश की स्थिति और बेहतर होगी। हो सकता है कि जनता उन्हें हाथों हाथ उठा ले।
मुलायम सिंह बेटे को आशीर्वाद दें तो स्थिति औॅर अच्छी होगी
जिस तरह से शालीनता का तकाजा पेश करते हुए अखिलेश पिता मुलायम से आशीर्वाद लेने गए हैं, अगर मुलायम का आशीर्वाद मिल जाता है तो हालात और बेहतर होंगे। समाजवादी पार्टी की स्थिति चुनाव में बहुत अच्छी हो जाएगी।