वाराणसी. पुलिस को लेकर एक टैग लाइन बचपन से सुनते आ रहे हैं हम कि वारदात के बाद पुलिस मौके पर आती है। सायरन चोरों को सावधान करने के लिए बजाते हैं कि हम आ रहे हैं, हम जा रहे हैं।
ऐसा ही कुछ हाल वाराणसी पुलिस का है। जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी पंकज बाबा के सत्संग समागम के दौरान मची भगदड़ में 25 लोगों की जानें जाने के बाद पुलिस की तंद्रा टूटी। भीड़ को लेकर अब पुलिस इतनी सक्रिय है कि दो दिन पहले पूर्व बसपा एमएलसी और माफिया विनीत सिंह के पिता के त्रयोदशाह में एक लाख लोगों के जुटने की सूचना पर चोलापुर में कई थानों की फोर्स पहुंच गई और वहां यातायात व्यवस्था संभालने में जुट गई। सरकार द्वारा वाराणसी पुलिस की ओवरहालिंग की गई लेकिन हालात जस के तस बने हैं।
वाराणसी के सभी थानेदारों से लेकर सिपाही व खुफिया तंत्र को मालूम है कि बनारस बारुद के ढेर पर बैठा है। शहर-देहात की किस गली के किस मकान में अवैध ढंग से पटाखे तैयार हो होते हैं, पुलिस को मालूम है। दिवाली पर पटाखों की बिक्री के लिए तीन माह पहले से ही बारुद जुटाने की तैयारी शुरू हो जाती है। अवैध ढंग से तैयार होने वाले इन पटाखों के निर्माण की जानकारी होने के बाद भी पुलिस शांत रहती है क्योंकि उसकी जेब भरती रहती है।
पितरकुंडा के एक मकान में चल रहे अवैध पटाखा की जानकारी भी स्थानीय पुलिस को पहले से थी। विस्फोट न होता और इतनी जानें न गई होती तो इस दिवाली भी पुलिस सिर्फ पटाखों की वसूली के साथ ही अपनी जेब गरम करने में जुटी रहती लेकिन एक हादसे ने सारी तस्वीर बदल दी।
नवागत कप्तान नितिन तिवारी के तेवर को देखते हुए थानेदारों ने मन मारते हुए अवैध पटाखा कारखानों पर दबिश देनी शुरू कर दी है। चौक पुलिस ने हड़हा में दबिश देकर जावेद नामक युवक के घर से दस बोरी से अधिक अवैध तरीके से जुटाए पटाखे को बरामद किया। बाजार में इन पटाखों का मूल्य डेढ़ लाख रुपये से अधिक बताया जा रहा है। शिवपुर पुलिस ने भी बाजार में अवैध ढंग से पटाखों की बिक्री कर रहे आधा दर्जन से अधिक दुकानदारों को गिरफ्तार किया जिन्हें छुड़ाने के लिए थाने पर जमावड़ा लगा था।
वाराणसी में अवैध पटाखों का जखीरा इस समय शहर के सबसे चर्चित इलाके दालमंडी में मौजूद है लेकिन वाराणसी पुलिस इस इलाके में हाथ डालने से कतराती है। मुस्लिम बाहुल्य इलाका और संकरी गली होने के कारण पुलिस कार्रवाई से हिचकती है। ऐसे में शहर की कमान संभालने आए नवागत कप्तान की ओर सभी की निगाहे हैं कि क्या कप्तान अपनी इच्छाशक्ति के बूते इस इलाके में बेखौफ चल रहे अवैध पटाखों के कारखानों, दुकानों पर ताला लगवा पाएंगे।