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#varanasi stampede इंसान से अधिक मरे जानवर

locationवाराणसीPublished: Oct 18, 2016 05:43:00 pm

Submitted by:

Vikas Verma

जय गुरुदेव सत्संग समागम में भक्तों के लिए बने भोजन को खाकर 26 मवेशी काल के गाल में समाए 

cattle died from food poisoning

cattle died from food poisoning

वाराणसी. जय गुरुदेव के उत्तराधिकारी पंकज बाबा की ओर से वाराणसी के रामनगर इलाके में आयोजित सत्संग समागम के दौरान निकली शोभायात्रा में भगदड़ से तो 25 लोगों की मौत हो गई लेकिन एक नई जानकारी सामने आई है। भगदड़ के बाद सत्संग समागम के लिए जुटे भक्तों के लिए जो भोजन तैयार किया गया था उसे कटेसर व डोमरी इलाके में आयोजकों ने फेंक दिया था। इधर-उधर फेंके भोजन को खाने के बाद इलाके के 26 मवेशियों की मौत हो गई जबकि दो दर्जन पशुओं की हालत चिंताजनक बनी हुई है। पशुपालकों में इसको लेकर जबरदस्त आक्रोश है और उन्होंने चंदौली व वाराणसी जिला प्रशासन से मुआवजा देने की मांग की है।

जानकारी के अनुसार जय गुरुदेव शाकाहार, सदाचार मद्य निषेघ और सत्संग के लिए देश भर से आए भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन किया गया था। 15 अक्टूबर को भगदड़ के चलते पहले दिन का आयोजन ठप हो गया। आयोजकों ने भक्तों के लिए तैयार भंडारे का भोजन गांव में ही इधर-उधर फेंक दिया। भोजन देख गांव में चरने निकले पशुओं का झुंड वहां पहुंच गया और भोजन चट कर गए लेकिन कुछ देर बाद ही एक-एककर पशुओं की हालत बिगडऩे लगी। 

पशुपालक बृजमोहन की चार गाय, चमचम की तीन गाय, मुरहू की भैंस मर गई। कुल 26 मवेशियों के मौत की खबर मिलते ही प्रशासनिक व स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया। आननफानन में मृत पशुओं को गड्ढा करके दफना दिया गया और बीमार पशुओं का इलाज शुरू हुआ। वाराणसी के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि एक साथ बड़ी संख्या में पशुओं की मौत का कारण फूड प्वाइजनिंग है। भोजन खराब होने पर लोग उसे फेंक देते हैं। सड़क पर विचरण करने वाले पशुओं के पेट में उक्त विषाक्त भोजन पहुंचता है तो एसिडोसिस होकर पेट फूलने लगता है और उनकी मौत हो जाती है।
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