गंगा सेवा निधि की तरफ से उरी के शहीदों व भगदड़ में मारे गए लोगों को अर्पित किए श्रद्धासुमन
वाराणसी. आओ झुककर करें सलाम उन्हें, जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है। कितने खुशनसीब है वो लोग, जिनका खून वतन के काम आता है। इन्हीं चंद पक्तियों के साथ देशभक्ति का जज्बा लिए सेना के जवानों की धुन के बीच आकाश में दीप टिमटिमा उठे।
कारगिल विजय दिवस के दिन से बनारस में गंगा सेवा निधि की तरफ से शुरू की गई आकाशदीप की परंपरा के तहत सोमवार को कार्तिक मास में अमर शहीदों की स्मृति में आकाशदीप जलाए गए। इस बार का आकाशदीप कार्यक्रम उरी हमले में शहीद सैन्यकर्मियों व दो दिन पूर्व वाराणसी में हुई भगदड़ में मृत लोगों को समर्पित रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ बीएचयू वीसी जीसी त्रिपाठी ने किया। वाराणसी के राजेंद्र प्रसाद घाट पर जल-थल-नभ के सैन्य अधिकारी व शहर के गणमान्य नागरिकों के साथ ही जनसामान्य लोग उपस्थित रहे।
सैन्य अधिकारियों के साथ बीएचयू के वीसी ने शहीदों की याद में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए आकाशदीप प्रज्जवलित किया। उपस्थित सैन्य अधिकारियों व अतिथियों ने कहा कि यह आकाशदीप हमारे देश के नौजवानों की कुर्बानी याद दिलाता है कि धरती मां के लिए कैसे उन्होंने हंसते-हंसते अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।
गंगा किनारे आयोजित आकाशीदीप कार्यक्रम में कल-कल करती गंगाधारा के बीच डा. रेवती साकलकर, प्रसन्ना, विजय कुमार व प्रांजल चतुर्वेदी ने गीत-संगीत के माध्यम से शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किया।
गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि अमर शहीदों की स्मृति में कार्तिक मास पर्यंत जलने वाला यह आकाशदीप देश के उन तमाम राष्ट्रभक्तों को समर्पित है जिन्होंने देश की रक्षा में अपने प्राणों का न्यौछावर कर दिया। आकाशदीप का समापन कार्तिक पूर्णिमा यानि 14 नवंबर को आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद को समर्पित भव्य देव दीपावली के दिन होगा।
आकाशदीप कार्यक्रम में डिप्टी कमांडेंट रघुनाथ नायर, ग्रुप कैप्टन संजीव शर्मा, सीआरपीएफ कमांडेंट उदय प्रताप सिंह के साथ ही शहर दक्षिणी के विधायक श्यामदेव राय चौधरी, विश्वनाथ मंदिर के अर्चक श्रीकांत शर्मा, हनुमान यादव, सुरजीत सिंह, आशीष तिवारी, विनोद कुमार सिंह, प्रतिमा सिन्हा समेत अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।