विदिशा. इन दिनों धान की अधिक आवक से विदिशा मंडी में रौनक बनी हुई है। इसमें सर्वाधिक धान रायसेन जिले से आ रही है। किसानों का कहना है कि रायसेन में भुगतान व्यवस्था ठीक नहीं होने और उपज बेचने के कई दिनों बाद चेक से भुगतान मिलने के कारण उन्हें यहां आना पड़ रहा है। विदिशा की तुलना में रायसेन में धान की कीमत अधिक होने के बावजूद यह स्थिति है।
अनाज व्यापारियों के अनुसार विदिशा मंडी में रोज 15 से 20 हजार क्ंिवटल तक आवक हो रही है। जिसमें सर्वाधिक आवक धान की है। हर दिन आने वाली धान में 70 से 80 प्रतिशत धान रायसेन जिले के गांवों से आ रही है। इनमें ग्राम मढ़वाई, उचेर, मढ़ा, अनोरी, धनियाखेड़ी, बेरखेड़ी, चिरौली, गुलगांव, सांची, बिलोरी, पिपरिया, सलामतपुर, मेड़की, कौड़ी आदि गांवों के किसान धान बेचने यहीं आ रहे हैं। यहां सेल्फ चेक की व्यवस्था के कारण भुगतान जल्द मिल जाता है। हालांकि धान बेचने आए किसानों की शिकायत यह भी कि उन्हें कम दाम मिल रहे हैं। ग्राम मढ़वाई के किसान चंद्रभान मीणा ने बताया कि पिछले साल दाम अच्छे मिल रहे थे, लेकिन इस बार कम दाम दिए जा रहे हैं। उनके परिजन खूबसिंह की 30 क्ंिवटल धान 1360 रुपए प्रति क्ंिवटल की दर पर खरीदी की गई। कम रेट मिलने से उन्होंने नीलाम बोली कैंसिल कराई और दुबारा नीलामी में भाग लेना पड़ रहा है। इधर, विदिशा के ग्राम भैरोंखेड़ी के किसान संजय राठी का कहना है कि धान के किसान नुकसान में नहीं है। धान की प्रति हेक्टेयर अच्छी पैदावार हुई है। सरकार को चाहिए कि जिले के धान के किसानों को भी फसल बीमा में शामिल किया जाए। इसके अलावा विदिशा मंडी में धान का समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र खुलवाया जाए।