scriptरिसर्जेंट राजस्थान: एक ही जगह पर दिन में सूरज व रात में हवा से बनेगी बिजली | Resurgent Rajasthan: power to produce in day from sun and in night from wind at same place | Patrika News

रिसर्जेंट राजस्थान: एक ही जगह पर दिन में सूरज व रात में हवा से बनेगी बिजली

Published: Nov 05, 2015 09:50:00 am

Submitted by:

Jyoti Kumar

प्रदेश के पहले सोलर-विण्ड हाईब्रिड प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने वाला है।
पवन ऊर्जा में अग्रणी सुजलोन कंपनी ने इसके लिए पहल की है। अधिकारियों के
मुताबिक करीब 1500 मेगावाट क्षमता के दो फेज के प्रोजेक्ट से राजस्थान में
12 हजार करोड़ का निवेश आएगा। प्रोजेक्ट के लिए रिसर्जेंट राजस्थान के तहत
गुरुवार को समझौता होना है। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम ने समझौते के लिए
सभी तैयारियां पूरी कर ली है।

solar wind

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प्रदेश के पहले सोलर-विण्ड हाईब्रिड प्रोजेक्ट पर काम शुरू होने वाला है। पवन ऊर्जा में अग्रणी सुजलोन कंपनी ने इसके लिए पहल की है। अधिकारियों के मुताबिक करीब 1500 मेगावाट क्षमता के दो फेज के प्रोजेक्ट से राजस्थान में 12 हजार करोड़ का निवेश आएगा। प्रोजेक्ट के लिए रिसर्जेंट राजस्थान के तहत गुरुवार को समझौता होना है। राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम ने समझौते के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली है। 

दोहरा फायदा
राजस्थान में वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा देने में निवेशकों को हमेशा ट्रांसमिशन सिस्टम की दिक्कतें झेलनी पड़ी हैं। पवन-सौर ऊर्जा में निर्धारित क्षमता का 20 फीसदी ही उत्पादन होता है। हर प्रोजेक्ट के लिए नया ट्रांसमिशन सिस्टम जेब पर भारी पड़ता है। ट्रांसमिशन सिस्टम का अब अधिकाधिक उपयोग होगा।

पवन ऊर्जा के लिए लगाए जाने वाले बड़े पखों के नीचे जमीन का उपयोग नहीं होता। इस पर सोलर पैनल लगने से एक ओर हवा वहीं दूसरी ओर जमीन का उपयोग होगा। सोलर से बिजली उत्पादन जहां दिन में होता है, वहीं मौजूदा परिस्थितियों मेंं अधिकतर पवन ऊर्जा से शाम व रात को बिजली पैदा होती है।

resurgent rajasthan

दस हजार मेगावाट का एक और करार
सोलर-विण्ड हाईब्रिड प्रोजेक्ट के अलावा ऊर्जा विभाग गुरुवार को 10 हजार मेगावाट के एक और सोलर प्रोजेक्ट के लिए समझौता करेगा। सॉफ्ट बैंक की एसबी सोलर प्राइवेट कम्पनी तीन फेज में ये काम करेगी। 6 हजार करोड़ के निवेश से प्रथम फेज में एक हजार मेगावाट क्षमता के प्लांट दिसम्बर 2017 तक लगाने प्रस्तावित है।

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सोलर-विण्ड हाईब्रिड प्रोजेक्ट राज्य में इस दिशा में पहला कदम है। प्रोजेक्ट में जमीन-ट्रांसमिशन सिस्टम का अधिकाधिक उपयोग हो सकेगा, जो मरूधरा की परिस्थितियों के लिए महत्वपूर्ण है। 10 हजार मेगावाट के एक अन्य सोलर प्रोजेक्ट के समझौते की भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
बी.के.दोसी, प्रबन्ध निदेशक, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम।

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