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ऑफिस के मामलों को ऐसे निपटाएं, बन जाएंगे बॉस भी आपके फैन

दूर बैठे कलीग से हमेशा सौहार्दपूर्ण रिश्ता बनाए रखने के लिए प्रयत्नशील
हों, इससे तकरार की स्थिति आने पर अच्छी तरह मैनेज की जा सकती है

Dec 11, 2015 / 02:36 pm

सुनील शर्मा

Office secretary

Office secretary

कभी-कभी आपकी अनबन ऐसे किसी सह-कर्मी के साथ हो जाती है, जो आपके कार्यस्थल से हजारों मील दूर बैठा है। हालांकि यह अनुभव न आपके लिए सुखद होता है और न आपके दूरगामी सह-कर्मी के लिए। ऐसी स्थिति में अचानक उपजे तनाव के बाद फोन पर नाराजगी उतारना आम है। इस स्थिति को सामान्य करना उतना ही जरूरी है, जितना नाराजगी जाहिर करने के बाद आपका निराशा से बाहर निकलना। कभी-कभी दोनों ही पक्ष किसी संदेह के शिकार हो ऐसी स्थिति में फंस जाते हैं।

ईमेल के बजाए फोन

अगर ईमेल के जरिए कलीग के साथ नोकझोंक चल रही है, तो तुरंत ईमेल भेजना बंद करें और फोन उठाकर अपने कलीग को बहस पूरी करने के लिए समय निर्धारित करने को कहें या आपसे मिलने का न्यौता दें, या फिर वीडियो कॉल के जरिए बहस करने को कहें। इससे बात बिगडऩे से बचेगी और आपका अन्य टास्क प्रभावित होने से बचेगा।

रिश्ते को मजबूती

कभी-कभी दो कार्यस्थलों में बैठे समान संस्थान के अधिकारियों के पेशेवर झगड़े फायदे भी देते हैं, ये आपके कलीग के साथ पेशेवर रिश्ते को मजबूत करते हैं। बहस या मसले का समाधान निकालते वक्त अनुभव साझा करते हैं, जो आपके संवाद के प्रवाह को मजबूत करते हैं।

बेनेफिट डाउट

चूंकि आप दोनों समान कार्यस्थल वाली इमारत में नहीं बैठते हैं, फिर भी अनबन हो जाती है। आप इतना तो अनुमान लगा सकते हैं कि आपसे दूर बैठा कलीग क्या महसूस कर रहा होगा या इस तरह उसने क्यों रिएक्ट किया। इसे आसानी से सुलझाया जा सकता है। अपने कलीग के बारे में बुरा-भला सोचने से बेहतर है, खुद से पहले पूछें कि संदेह उत्पन्न होने के पीछे क्या वजह थीं। अनबन वर्क परफॉर्मेंस के बजाए निजी बात पर फोकस तो नहीं था।

समानता पर फोकस

जब आपकी कलीग के साथ गरमा-गरम बहस चल रही हो, तो इसे बंद करने के लिए दोनों के मध्य की समान बातों को याद करें और उन पर फोकस करते हुए विषय को बदलने की कोशिश करें। जैसे उनके परिवार, माता-पिता के स्वास्थ्य के बारे में पूछें, बच्चों की पढ़ाई के बारे में जानें। या अपने दोनों के वर्क-कमिटमेंट पर बातें करना शुरू कर दें, इससे टेंशन अधिक नहीं बढ़ेगी।

दूसरा पहलू

जब झड़प हो जाए, तो शांत होकर खुद को सामने वाले के नजरिए से सोचने की कोशिश करें। हो सकता है कि कलीग आपसे नाराज हो, यह भी संभव है कि आपकी टीम ने उसे किसी निराशाजनक स्थिति में धकेला हो। इससे भविष्य में ऐसी तकरार नहीं होगी।

संवाद बढ़ाएं

विवाद को जड़ से खत्म करने के लिए इनफॉर्मल बातचीत के किसी भी अवसर को न जाने दें। समय मिलते ही जोक्स, या गुदगुदाने वाले चित्र भेजते रहें। दूर हैं, तो जब भी वह आपके कार्यस्थल में आएं, चाय-पीना पर आमंत्रित करना न भूलें।

सांस्कृतिक भेद

विदेश बैठे कलीग्स के साथ बहस होने में सांस्कृतिक मतभेद एक कारण हो सकता है। अगर ऐसी किसी स्थिति से आप रूबरू हुए हैं, तो अपने बिहेवियर में दोष निकालने का जिम्मा किसी ऐसे कलीग को दें, जो आपके साथ लंबे समय से काम करता हो। बहस करने वाले कर्मचारी के समान संस्कृति से ताल्लुक रखने वाले कर्मी से सलाह भी लें।


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