scriptबिजनेस में सक्सेस के लिए जरूरी है सही अप्रोच | Keep right approach for a success in Business | Patrika News

बिजनेस में सक्सेस के लिए जरूरी है सही अप्रोच

Published: Mar 30, 2015 12:16:00 pm

कंपनी के कड़े नियमों को महत्व देने और एंप्लॉई का दोहन करने सेअाप कभी एंप्लॉई का सहयोग नहीं ले पाते।

एक ही जितनी पूंजी और एक ही जितने संसाधनों के साथ बिजनेस शुरू किए जाने के बावजूद एक एंटरप्रेन्योर के ऊंचाईयां छूते जाने और दूसरे एंटरप्रेन्योर के लगातार घाटे में चलने के पीछे मुख्य समस्या इनकी अप्रोच की है। यह वही बिजनेस अप्रोच है, जो ये एंटरप्रेन्योर्स अपने नियमित ऑपरेशन्स में अपनाते हैं। ये अप्रोचेज उनके काम काज के तरीकों के साथ-साथ उनके निजी स्तर के व्यवहार से भी संबंधित होती हैं।बेहतर अप्रोच वाले एंटरप्रेन्योर्स कामकाज के तरीकों में ज्यादा प्रोफे शनलिज्म लाने के साथ निजी स्तर पर मौजूद उन खामियों को दूर क रते हैं, जो इन्हें आगे बढ़ने से रोकती हैं या विफलता का डर इनमेें पैदा करती हैं। सफल और विफल एंटरप्रेन्योर्स के बीच अप्रोचेज के इस अंतर को जानिए और तय कीजिए अपना रूख-

बिजनेस प्लान राइटिंग
विफल : अगर आप सोचते हैं कि आप निवेश, खर्च, योजना, नीति से जुड़ी सभी बातें याद रख सकते बिजनेस प्लान बिजनेस प्लान लिखने की जरूरत नहीं है, तो आप अपने एक कीमती मार्गदर्शक से विमुख हो रहे हैं।
सफल : चाहे बाहर से निवेश लें या न लें, अपने बिजनेस के लक्ष्यों, इ से मिलने वाले निवेश, इसकी नीतियों आदि का एक पूरा ब्यौरा बिजनेस प्लान में लिखित रूप में होना चाहिए। यह बिजनेस प्लान ही आपको हर बार आपके लक्ष्य की याद दिलाता रहता है।

प्रमोशनल एक्टीविटीज
विफल : सिर्फ अच्छे काम का आदर्श लेकर चलने वाले लेकिन इस अच्छे काम के प्रचार पर बिल्कुल ध्यान न देने वाले एंटरप्रेन्योर अपनी इस गलती के कारण सारी मेहनत पर पानी फेर देते हैं। आज के दौर में प्रमोशनल एक्टीविटीज नजरअंदाज नहीं कर सकते।
सफल : अपनी कंपनी के बेहतर काम को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच ले जाने के लिए ये एंटरप्रेन्योर प्रमोशन से जुड़ी नई-नई ए क्टीविटीज अपनाते हैं। उनका लक्ष्य अपने प्रोडक्ट या सर्विस को अपने टारगेट ऑडियंस के बीच पॉपुलराइज करने का होता है और वे इसके लिए हर संभव मार्ग अपनाते हैं।

एंप्लॉई कल्चर
विफल : सिर्फ कंपनी के कड़े नियमों को महत्व देने और एंप्लॉई का दोहन करने में लगे रहने वाले एंटरप्रेन्योर्स इन लोगों से पूरा सहयोग क भी नहीं ले पाते। इनके एंप्लॉइज में कभी भी सकारात्मक टीम भावना विकसित हो ही नहीं हो पाती।
सफल : अपने एंप्लॉइज को अपनी सफलता में बराबर का योगदानक र्ता मानने वाले एंटरप्रेन्योर्स अपने एंप्लॉइज में टीम स्प्रिट के साथ-साथ एक खास जुड़ाव पैदा करने में सफल रहते हैं।

कस्टमर की जरूरत
विफल
ये एंटरप्रेन्योर कस्टमर की जरूरतों के बजाय इस बात पर फोकस करते हैं कि हम उन्हें क्या सर्विस देना चाहते हैं? इनकी सारी प्रमोशन स्ट्रेटेजी भी इनकी सुपरमेसी की भावना पर ही आधारित होती है, जो कि गलत है।
सफल
ये एंटरप्रेन्योर्स कस्टमर्स की जरूरतों को पहले स्थान पर रखते हैं। इनक ी प्रमोशनल एक्टिविटीज की शुरूआत भी कस्टमर्स की जरूरतों का वर्णन करते हुए ही होती है ताकि लोग को इन प्रमोशनल एक्टिविटीज से जुड़ाव लगे।

इंटरनेट मार्केटिंग
विफल
सिर्फ टाइमपास का जरिया बन चुकी सोशल साइट्स पर मार्केटिंग के लिए ऊर्जा लगाना दरअसल एक बर्बादी ही है। इस सोच वाले लोग एक बड़े टारगेट ग्रुप तक जानते-बूझते हुए भी पहुंच नहीं बना पाते।

सफल
मार्केटिंग के पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ इंटरनेट मार्केटिंग का इस्तेम ाल कंपनी को ज्यादा से ज्यादा युवाओं के साथ जोड़ने में मदद करता है और साथ में आपको नए-नए ट्रेंड्स की भी जानकारी देता है।

बिजनेस एक्सपैन्शन
विफल
किसी एक क्षेत्र मे सफलता मिल जाने को ही सफलता की गारंटी म ानकर हर दूसरे क्षेत्र में पांव पसार लेने की नीति बिजनेस को एक्सपैंड नहीं करती, बल्कि इससे आपमें बिखराव आता है और नुकसान ही पहुं चता है।

सफल
किसी भी नए सेगमेंट या नए क्षेत्र में जाने से पहले उसकी संभावनाओं का पूरा अध्ययन कर लेनेे वाले एंटरप्रेन्योर्स पेश आने वाली स्थितियों क े लिए खुद को पूरी तरह से तैयार कर पाते हैं। वे सफलता को गारंटेड नहीं मानते।

कैश फ्लो

विफल : कैश को मैनेजमेंट की जरूरत ही नहीं है। जितना पैसा जहां चाहिए, वहां लगा दो। मुनाफा तो आ ही जाना है। मेरे पास पड़ा सारा पैसा बिजनेस में लगा देता हूं। इस तरह की सोच एक एंटरप्रेन्योर को विफलता की ओर ले जाती है।
सफल : कंपनी में आ रहे, कंपनी से जा रहे या कहीं बीच में अटक रहे कैश का प्रबंधन करके कंपनी को लगातार सुचारू ढंग से चलाया जा सकता है। कंपनी के लिए सतत आय का कोई अतिरिक्त साधन बना लेने से कठिन समय में लाभ होना तय है।
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