हिट एंड रन मामले में यदि वाहन अज्ञात हो तो कैसे लें क्षतिपूर्ति
हिट एंड रन मामले में यदि दुर्घटना करने वाले वाहन या उसके चालक की जानकारी न हो तो आपके पास जिला प्रशासन से क्षतिपूर्ति हासिल करने का अधिकार है। मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 163 क्षतिपूर्ति पाने में मदद करती है। अज्ञात वाहन से एक्सीडेंट मामले में बीमा कंपनी जिलाधीश (कलेक्टर) को प्रतिनिधि नियुक्त करती हैं। दुर्घटना में यदि किसी व्यक्ति की मौत हो गई हो तो उसके परिजन कलेक्टोरेट से धारा 163 का फॉर्म ले मृतक की पीएम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र, पुलिस रिपोर्ट की कॉपी एवं मृतक से जुड़े दस्तावेज दे क्षतिपूर्ति ले सकते हैं। मौत होने पर 50 हजार तथा स्थायी अयोग्यता पर 25 हजार रू. की क्षतिपूर्ति दी जाती है।
क्या शादी के सात साल बाद भी दहेज हत्या का केस दर्ज हो सकता है
यह भ्रम है कि शादी के सात साल बाद यदि महिला की संदिग्ध मौत होती है तो ससुराल पक्ष पर दहेज हत्या का प्रकरण दर्ज नहीं होता। भारतीय दंड विधान की धारा 498 (ए) इस मामले में पीडिता के परिजन को यह अधिकार देती है कि वह मृतका के ससुराल पक्ष पर दहेज हत्या का प्रकरण दर्ज करवा सकते हैं। शादी के सात वर्ष के दौरान यदि किसी विवाहिता की दहेज प्रताड़ना के चलते मौत होती है, तो मामले में क्षेत्रीय सीएसपी के नेतृत्व में दहेज हत्या की जांच की जाती है। यदि शादी के सात साल बाद महिला की मौत होती है तो परिजन की शिकायत पर धारा 498 (ए) के तहत मामला दर्ज कर दोषियों को सजा दिलवाते हैं।