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ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव

Published: Sep 22, 2016 02:55:00 pm

गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल पाता समय पर उपचार

Rambha rural village in the disease.

Rambha rural village in the disease.

– प्रीति चौधरी

 देश की आजादी के इतने वर्षों बाद भी महिलाओं खास कर गांव मे महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए उत्तम सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकी हैं। इस कारणवश गर्भवास्था के दौरान उनकी सही देखभाल नहीं हो पाती और महिलाएं मौत का शिकार हो रही हैं।सभी गांवों में स्वास्थ्य केंद्र नहीं है और जहां है भी वहां पर अच्छे डॉक्टर और नर्सें मौजूद नहीं होती और जो होते हैं आपातकालीन स्थिति में भी घर पर आने के लिए तैयार नहीं होते। ऐसी दयनीय स्थिति मे अक्सर लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्राइवेट अस्पताल में ले जाने के लिए हर किसी के पास पैसे नहीं होते हैं।

आंगनबाडिय़ों की स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है। बच्चे के जन्म होने के बाद गर्भवती महिलाओं को खास व्यवस्था उपलब्ध नही कराई जाती। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों का वजन तो तोल लेती है परंतु जो बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं उनके लिए पोषक तत्व ठीक से उपलब्ध नहीं कराया जाता। बच्चो के लिए भेजा जाने वाला भोजन बच्चों मे कम और जान पहचान वाले लोगो के बीच ज्यादा बांट दिया जाता है। कई आंगनबाड़ी केंद्र लगभग बंद रहते हैं। स्वास्थ्य केंद्र में भी केवल टीकाकरण किया जाता है। प्रसव के लिए वहां पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।

जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं के संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देते हुए मातृ एंव नवजात मृत्यु दर को कम करना है। इसके बावजूद राजस्थान जननी सुरक्षा योजना की वेबसाईट पर मौजूद आंकड़े चौंकाने वाले हैं। आंकड़े बताते हैं कि भारत मे गर्भावस्था संबधी जटिलताओं के कारण हर साल करीब 67000 महिलाएं दम तोड़ देती हैं। इसी तरह जन्म के एक वर्ष के भीतर करीब 13 लाख बच्चे दम तोड़ देते हैं। विशेष रुप से बात अगर राजस्थान की करें तो मालूम होता है कि प्रतिवर्ष 5300 महिलाओं की मृत्यु गर्भावस्था संबधी जटिलताओं के कारण होती है। इसी तरह लगभग 98,500 शिशुओं की मृत्यु जन्म के एक वर्ष के भीतर ही हो जाती है। आंकड़े अपने आप मे सवाल खड़ा करते हैं जिसकी गंभीरता को समझ कर जल्द से जल्द इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भारत की प्रत्येक मां और बच्चे को सुरक्षा प्रदान की जा सके और जननी शिशु सुरक्षा जैसी योजना सफल हो।

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