जर्मनी। मंगल पर जीवन से जुड़ी साहसिक खोज के तहत वहां उतरने वाले यूरोप के एक छोटे यान की स्थिति को लेकर चिंता बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि यह यान मंगल के प्रभाव को सहन नहीं कर पाया। यान को अंतरराष्ट्रीय समयानुसार बुधवार दोपहर दो बजकर 48 मिनट पर उतरना था।
यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएसए) ने कुछ ही घंटों बाद विमान के मंगल पर उतरने की पुष्टि की और साथ ही यह भी बताया कि यान कोई संकेत नहीं दे रहा है। ऐसे में इस अभियान के असफल होने की आशंका बढ़ गई है। यह यान बच्चों के खेलने के लिए बने पैडलिंग पूल के आकार जैसा है। इसे ‘शियापारेल्ली’ लैंडर नाम दिया गया था। ईएसए के शियापारेल्ली प्रबंधक थिएरी ब्लांक्वैर्ट का कहना है, मैं यह नहीं जानता कि यह यान सही-सलामत मंगल पर उतरा है, या वह किसी चट्टान से टकरा गया है। यान से किसी भी तरह का संचार स्थापित नहीं हो पा रहा है।
अगर यह अभियान असफल होता है तो यूरोप की मंगल पर उतरने की लगातार दूसरी असफल कोशिश होगी। इससे पहले भी जब यूरोप ने 13 साल पहले मंगल पर उतरने की कोशिश की थी तो वो असफल रही थी।