इराकी सेना ने मोसुल में इस्लामिक स्टेट के कब्जे वाले 20 गांवों को मुक्त करा दिया है।
बगदाद। मोसुल में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को अंजाम देते हुए इराकी सेना ने करीब 20 गांवों को अपने कब्जे में ले लिया है। सीमावर्ती गांवों में इराकी व कुर्दिश फौजों ने सैन्य कार्रवाई को और तेज कर दिया है। वहीं, इस बीच इस्लामिक स्टेट द्वारा नागरिकों को ‘मानव ढाल’ के रूप में इस्तेमाल करने की खबरें भी आ रही हैं।
वीडियो फुटेज में इधर-उधर भागते दिख रहे हैं आत्मघाती हमलावर
इराक के एक टीवी स्टेशन की तरफ से जारी किए गए वीडियो फुटेज में आत्मघाती हमलावर इधर-उधर भागते हुए दिख रहे हैं। इस वीडियो फुटेज को एक सैनिक के शरीर में लगे कैमरे से रिकॉर्ड किया गया है। इसके जरिए ही इस सैन्य कार्रवाई की कई तस्वीरें और वीडियो फुटेज सामने आई हैं।
सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए ISIS ने किए 12 आत्मघाती हमले
फुटेज में पेशमेरगा लड़ाकों की एक टीम भी दिख रही है। यह टीम अपनी जान जोखिम में डालकर लड़ाई के मैदान में बनी एक इमारत में पहुंचने की कोशिश कर रही है। वहीं इस्लामिक स्टेट ने भी सेना को रोकने के लिए 12 आत्मघाती हमले करने का दावा किया है।
चूहों की तरह बिल से निकलकर आत्मघाती हमला कर रहा है IS
इराकी लेफ्टिनेंट मेहसेन गर्दी के मुताबिक, मोसुल के बाहर एक गांव में चल रही लड़ाई के दौरान इस्लामिक स्टेट के आतंकी ‘वहां बने सुरंगों के जाल से चूहों की तरह निकलकर हमपर आत्मघाती हमले कर रहे थे।’ इराकी सेना के मुताबिक, सुन्नी कबीलों के लड़ाके और कुर्दिश पेशमेरगा के जवान पहले शहर को चारों ओर से घेरने की कोशिश करेगें।
मोसुल में है 15 लाख निवासी
मोसुल में अभी भी 15 लाख निवासी हैं। इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन ने कहा है कि वह आतंकियों द्वारा केमिकल हमले की आशंका के मद्देनजर लोगों के लिए गैस मास्क तैयार कर रहा है। इराकी कुर्दिश फौजों पर आतंकी पहले भी ऐसे हथियारों से हमले कर चुके हैं।
मोसुल व उसके आस-पास के गांवों में करीब 4,000 से 8,000 इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के मौजूद होने की संभावना जताई जा रही है।
सैन्य प्रमुखों के मुताबिक, अभी तक की कार्रवाई में जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। इराकी फौजें शहर से 20-30 किमी की दूरी पर हैं। इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन ने कहा है कि वह आतंकियों द्वारा केमिकल हमले की आशंका के मद्देनजर लोगों के लिए गैस मास्क तैयार कर रहा है। इराकी कुर्दिश फौजों पर आतंकी पहले भी ऐसे हथियारों से हमले कर चुके हैं।