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घड़ी बम : अमरीकी किशोर ने  क्षतिपूर्ति में मांगे 15 मिलियन डॉलर

Published: Nov 24, 2015 03:21:00 pm

परिवार ने पत्र में लिखा है कि स्कूल की वजह से उनके बेटे की इज्जत पर ‘स्थायी’ घाव लग गए हैं

Ahmed Mohammed

Ahmed Mohammed

ह्यूस्टन। अमरीका के टेक्सास शहर में रहने वाले किशोर अहमद मोहम्मद के परिवार ने इरविंग शहर के महापौर और पुलिस प्रमुख से क्षतिपूर्ती के तौर पर 15 मिलियन डॉलर की मांग की है। साथ ही परिवार का कहना है कि लिखित में उनसे माफी भी मांगी जाए। स्थानीय मीडिया में छपे परिवार के वकील के पत्र के मुताबिक, परिवार ने इरविंग (टेक्सास) शहर से क्षतिपूर्ती
के रूप में 10 मिलियन डॉलर की मांग की है, जबकि 5 मिलियन डॉलर स्कूल प्रशासन से मांगे हैं। परिवार ने कहा है कि अगर 60 दिनों में उन्हें इस मामले में कोई जवाब नहीं मिला तो वे मुकदमा दायर करेंगे।

एक गैर सरकारी संगठन द्वारा अहमद की पढ़ाई का खर्च उठाने की शर्त पर परिवार कतर चला गया है। परिवार ने पत्र में लिखा है कि स्कूल की वजह से उनके बेटे की इज्जत पर ‘स्थायी’ घाव लग गए हैं। उस घटना से बेटे को गंभीर मानसिक आघात पहुंचा है। यही नहीं, परिवार को भी घटना से आघात पहुंचा है।

उल्लेखनीय है कि अहमद स्कूल में साइंस प्रोजेक्ट के रूप में एक घड़ी बनाकर ले गया था जिसे स्कूल के एक शिक्षक ने गलती से घड़ी बम समझ लिया था जिसके बाद उसने स्कूल प्रशासन के साथ ही पुलिस को कथित बम की सूचना दी थी। सूचना पर स्कूल पहुंची पुलिस उसे गिरफ्तार करके ले गई थी।

14 वर्षीय किशोर की बहन ने उसकी गिरफ्तारी की फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी जिसके बाद वह वायरल हो गई थी। इस विवाद के बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अहमद को अपनी घड़ी के साथ व्हाइट हाउस आने का न्योता दिया था। व्हाइट हाउस में आयोजित एस्ट्रोनोमी नाइट कार्यक्रम में किशोर ने ओबामा से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान
राष्ट्रपति ने उसकी घड़ी की तारीफ भी की।

पत्र में कहा गया है कि इरविन के महापौर बेथ वैन डुयने ने एक टीवी कार्यक्रम में अहमद की घड़ी को ‘शरारती बम’ कर दिया था और आगे कहा था कि वह पुलिस पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है। वकील कैली हौलिंगस्वर्थ ने कहा कि परिवार चाहता है कि महापौर और अन्य लोग इस घटना को लेकर माफी मांगे क्योंकि वे लोग वापस इरविन आना चाहते हैं।

पत्र में आरोप लगाया गया है कि पुर्जों और रद्दी चीजों से बनी घड़ी को स्कूल के प्रशासन ने बिना सोचे-समझे बम समझ लिया था। अहमद को परिवार से बात नहीं करने दी गई और उससे जबरन इस बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया जिसमें लिखा था कि वह स्कूल में बम लाना चाहता था।

पत्र में आगे कहा गया है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने धमकी दी की अगर अहमद ने बयान पर हस्ताक्षर नहीं किए तो उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा। वहीं, स्कूल की प्रवक्ता ने कहा कि हमें पत्र मिल गया है और हमारे वकील इसका जवाब देंगे।
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