इस्लामाबाद। पाकिस्तान का मानना है कि भारत के पास प्रचुर युद्ध सामग्री है। उनका आकलन है कि भारत के पास 2,000 से भी ज्यादा परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त विस्फोटक सामग्री है। समाचार पत्र “डॉन” के अनुसार, द नेशनल कमांड अथॉरिटी (एनसीए) ने स्पष्ट किया कि भारत की बढ़ती परमाणु ताकत और विवादित मुद्दों को सुलझाने की मशीनरी का अभाव क्षेत्र में सामरिक स्थितरता को बिगाड़ सकता है। यह स्थिति पाकिस्तान को “पूर्ण स्पेक्ट्रम निवारण क्षमता” अपनाने के लिए मजबूर कर सकती है। इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशन (आईएसपीआर) ने कहा कि देश के लिए नीति निर्माण करने वाली शीर्ष संस्था के रणनीतिक कार्यक्रम की क्षेत्रीय सुरक्षा के माहौल को लेकर हुई बैठक में समीक्षा की गई और पड़ोस में सामरिक एवं पारंपरिक क्षमता के तेजी से घट रहे घटनाक्रमों से अवगत कराया गया।
रिएक्टर एवं प्लूटोनियम का खौफपाकिस्तान का मानना है कि भारत के पास रिएक्टर एवं ग्रेड प्लूटोनियम सहित पर्याप्त युद्ध सामग्री है, जिनसे युद्धक हथियार बनाए जा सकते हैं। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज ने कहा कि नई दिल्ली का प्लूटोनियम भंडार बढ़ता जा रहा है। डॉन में यह भी कहा गया है कि भारत ने 2013 के अंत तक 0.8-1 टन वेपन ग्रेड और 15 टन रिएक्टर ग्रेड प्लूटोनियम का उत्पादन कर लिया था। पाक पीएम नवाज शरीफ की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, वित्त मंत्री इशाक दार, गृह मंत्री चौधरी निसार, विदेशी मामलों एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल रशद महमूद सहित तीन सेवाओं के प्रमुख एवं सामरिक योजना विभाग के महानिदेशक शामिल हुए।
भारत का पहला परमाणु परीक्षणभारतीय परमाणु आयोग ने पोखरण में अपना पहला भूमिगत परीक्षण 18 मई 1974 को किया था। हालांकि उस समय भारत सरकार ने घोषणा की थी कि भारत का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यो के लिये होगा और यह परीक्षण भारत को उर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये किया गया है। इसके बाद में 11 और 13 मई 1998 को पांच और भूमिगत परमाणु परीक्षण किये और भारत ने स्वयं को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया।
पाक का पहला परमाणु परीक्षणपाकिस्तान ने 28 मई 1998 को परमाणु परीक्षण किया। पाकिस्तान को स्वयं को परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्र घोषित करने के बाद उस समय निंदा झेलनी पड़ी जब पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान जो पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम के जनक माने जाते हैं, पर चोरी छुपे परमाणु तकनीक लीबिया, ईरान और उत्तर कोरिया को बेचने का पर्दाफाश हुआ था।
भारत-पाक की ताकतभारत-पाकिस्तान
सैनिक 13.25 लाख 6.17 लाख
टैंक 6464 2924
लड़ाकू विमान 629 387
तोपखाना 7414 3278
परमाणु बम 90-100 100-120
-युद्धपोत 5 0 मिसाइल ब्र±मोस, अग्नि, पृथ्वी, आकाश और नाग गौरी, शाहीन, गजनवी, हत्फ और बाबर
– अग्नि 5 भारत की सबसे आधुनिक और घातक मिसाइल है। मारक क्षमता 5000 किमी। जबकी पाक की गौरी-3 की मारक क्षमता 3000 किमी है।
– भारत के पास ब्र±मोस जैसी सुपरसोनिक मिसाइल है। ये शक्ति सिर्फ अमेरिका, जर्मनी, चीन और रूस के पास है।
युद्धों और संबंधों के बाद दिखा दमभारत के पपाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। दोनों देशों के बीच चार बार (1947, 1965, 1971 और 1999 में) युद्ध भी हो चुका है। वहीं चीन ने भी 1962 के भारत-चीन युद्ध मे अपनी सैन्य और आर्थिक स्थिति का विकास करने का प्रयास किया। सोवियत संघ के साथ अच्छे संबंधों के कारण 1960 के दशक से वह भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता देश के रूप में उभरा है। आज रूस के अलावा, भारत ने इजरायल और फ्रांस के साथ भी रक्षा संबंध जारी रखा है। भारत अभी रूस के साथ मिलकर पांचवीं पीढ़ी की विमान बना रहा है।
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